Uttarakhand

तलाक और तमाम साजिशों के बाद भी न्याय की आस में डटी रहीं अतिया साबरी

सुप्रीम कोर्ट में फरवरी से शुरू हुई थी सुनवाई

दहेज उत्पीड़न के मामले में पति और ससुर को किया गया गिरफ्तार

अतिया चाहती है मुस्लिम महिलाओं की समस्याओं के देखते हुए सरकार बनाए ठोस कानून

देहरादून : मोहल्ला आली, तेलीवाला चौक सहारनपुर निवासी अतिया साबरी पुत्री मजहर हसन का निकाह 25 मार्च 2012 को हरिद्वार के जसोधरपुर गांव निवासी वाजिद अली पुत्र सईद अहमद से हुआ था। दो बेटियां होने पर पति ने शादी के पौने दो साल बाद ही उसे तलाक दे दिया था। अतिया के मुताबिक, पति और ससुर उसकी दूसरी बेटी सना को गर्भ में ही मारना चाहते थे। अतिया के ससुर सईद अहमद समाजवादी पार्टी के नेता भी हैं। अतिया का कहना था कि दारुल उलूम ने भी तलाक को वैध बताने से पहले उसका पक्ष नहीं जाना और न ही सहमति ली गई। नियमानुसार बिना सहमति तलाक नहीं दिया जा सकता।

मामले में उन्होंने केंद्र सरकार के तीन मंत्रालयों और दारुल उलूम देवबंद को पार्टी बनाया था। सुप्रीम कोर्ट में याचिका स्वीकार होने के बाद इसी साल 15 फरवरी से केस की सुनवाई शुरू हुई थी। अतिया साबरी के निकाह के तीन साल बाद पति वाजिद ने कागज पर तीन तलाक लिखकर उससे संबंध तोड़ लिए थे। याचिकाकर्ता अतिया साबरी के मुताबिक, निकाह और तलाक के वक्त पति-पत्नी की सहमति जरूरी है। मगर पति ने उसकी सहमति नहीं ली गई। दारुल उलूम देवबंद के तीन उलेमाओं ने भी तलाक को वैध बताने से पहले उसका पक्ष तक जानने की कोशिश नहीं की। ऐसे में पूरी तलाक प्रक्रिया को गलत ठहराते हुए इसके खिलाफ आठ जनवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अदालत में याचिका दायर की थी। 23 जनवरी को चीफ जस्टिस ने याचिका संख्या 43/2017 स्वीकारते हुए सुनवाई की तारीख 15 फरवरी लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने बाल कल्याण एवं विकास मंत्रालय, कानून एवं न्याय मंत्रालय और अल्पसंख्यक मंत्रालय के सचिवों, दारुल उलूम देवबंद और पीड़िता के पति वाजिद अली को नोटिस जारी करते हुए अपना-अपना पक्ष रखने के लिए कहा था।

तीन तलाक मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने वाली महिला अतिया साबरी को फंसाने की भी साजिश रची गई। उसके नाम से फर्जी बैंक एकाउंट खोलकर चेक जारी किए गए। पिछले साल ससुरालियों ने अतिया को फंसाने के लिए पंजाब नेशनल बैंक निरंजनपुर में उसके नाम का फर्जी खाता खोलकर चेकबुक ली। अफजाल, शरीफ और समीर नामक व्यक्तियों को क्रमश: 4 लाख, 4.5 लाख व 2.5 लाख के चेक जारी कर दिए। चेक डिसऑनर होने पर उन्होंने अतिया को नोटिस दिए तो मामला अतिया के संज्ञान में आया। इसके बाद अतिया ने पति वाजिद, ससुर सईद, सास मेहराज व बैंक के शाखा प्रबंधक विनोद के अलावा चेक लेने वाले अफजाल, शरीफ व समीर के खिलाफ लक्सर कोतवाली में षड़यंत्र रचने तथा धोखाधड़ी करने की धारा में मुकदमा पंजीकृत कराया था। दो महीने पहले पुलिस ने इसी मामले में वाजिद व सईद हसन को जेल भेज दिया था। पिछले दिनों को आरोपी शरीफ अहमद पुत्र बारू निवासी कुन्हारी तथा अफजाल अहमद पुत्र शरीफ अहमद निवासी जसोद्दरपुर ने लक्सर एसीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था।

तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाली हरिद्वार जिले के सुल्तानपुर की अतिया साबरी के ससुर और पति को दहेज उत्पीड़न के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सहारनपुर की एक कोर्ट ने दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे। मूलरूप से हरिद्वार जिले के सुल्तानपुर की रहने वाली मजहर हसन की बेटी अतिया साबरी का निकाह 2012 में जसोद्दरपुर के सईद हसन के बेटे वाजिद अली के साथ हुआ था। आरोप है कि निकाह के बाद से ही अतिया के ससुराल वाले दहेज के लिए उसे प्रताड़ित कर रहे थे। इस दौरान अतिया को दो बार लड़की पैदा होने पर वह और नाराज हो गए। अतिया के साथ मारपीट कर उसे दोनों बेटियों के साथ जबरन मायके भेज दिया गया। इसके बाद तीन तलाक की इस व्यवस्था को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के कारण अतिया देश भर में चर्चाओं में आ गई थीं। साथ ही अतिया ने अपने पति, ससुर, सास और ननद के खिलाफ सहारनपुर की एक अदालत में दहेज उत्पीड़न का मुकदमा भी दायर कराया था। एक मार्च को कोर्ट ने चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के वारंट जारी किए थे। वारंट के आधार पर लक्सर पुलिस अतिया के पति और ससुर को गिरफ्तार कर सहारनपुर जेल भेज चुकी है।

अतिया ने केंद्र सरकार से इंसाफ की उम्मीद जताई थी। अतिया ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि चुनाव से पहले पीएम ने तीन तलाक को गलत बताकर इसके खिलाफ कानून बनाने की मंशा जताई थी। उनकी इसी के पक्ष में शिक्षित मुस्लिम महिलाओं ने इस बार भाजपा को समर्थन दिया है। इन चुनावों की सफलता के बाद अब उन्हें मोदी की तरफ से वादा पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने पीएम से मांग की कि तीन तलाक के खिलाफ संसद में सख्त कानून बनाया जाए। तीन तलाक मामले की याचिकाकर्ता अतिया साबरी कहती हैं कि सवाल सिर्फ एक अतिया का नहीं है। देश भर में हजारों लाखों मुस्लिम महिलाओं का है, जो तीन तलाक के कारण दुःख भुगत रही हैं।

तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली महिला अतिया साबरी कुछ दिनों पूर्व बातचीत में कहा था कि सरकार को इस पर कठोर संविधान बनना चाहिए। संविधान में या तो तीन तलाक समाप्त हो, अन्यथा जबरन तलाक देने वाले पति पर सजा का प्रावधान हो। कहा था कि पूरा देश संविधान से चलता है। इसलिए तीन तलाक पर भी संविधान बनना चाहिए। अतिया साबरी ने कहा कि कानून में ऐसा प्रावधान हो जिससे जबरन तलाक देने वाले पति को कठोर सजा मिले और एक नजीर बने। जिससे हमारी दूसरी बहनें जबरन दिए जाने वाले तीन तलाक से बच सकें।

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »