देवभूमि मीडिया ब्यूरो।
सुप्रीम कोर्ट ने भारत संघ को निर्देश दिया कि वह COVID19 के कारण मरने वालों के परिवारों को अनुग्रह राशि का भुगतान करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करे।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का संवैधानिक दायित्व है कि वह COVID महामारी के पीड़ितों के लिए न्यूनतम अनुग्रह सहायता की सिफारिश करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करे, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसका आयोजन किया।
न्यायालय ने माना कि आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 12 राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से एक राष्ट्रीय आपदा के पीड़ितों के लिए न्यूनतम राहत की सिफारिश करने के लिए एक वैधानिक दायित्व डालती है। इस तरह की न्यूनतम राहत में धारा 12 (iii) के अनुसार ‘एक्स-ग्रेशिया सहायता’ भी शामिल होगी।
कोर्ट ने केंद्र सरकार के इस तर्क को खारिज कर दिया कि धारा 12 अनिवार्य प्रावधान नहीं है। कोर्ट ने कहा कि धारा 12 में ‘होगा'(shall) शब्द का इस्तेमाल किया गया है और इसलिए यह निष्कर्ष निकाला गया कि प्रावधान अनिवार्य था। संघ ने धारा 12 में ‘करेगा'(Shall) को ‘संभव होना’ (may)पढ़ने का तर्क दिया था।
हालांकि, कोर्ट ने कहा कि वह केंद्र सरकार को मुआवजे के रूप में एक विशेष राशि का भुगतान करने का निर्देश नहीं दे सकता है। कोर्ट ने राष्ट्रीय प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह छह सप्ताह के भीतर कोविड पीड़ितों को अनुग्रह राशि प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करे।