छात्रों का गढ़वाल विवि श्रीनगर में भड़का आंदोलन

- नाराज छात्रों ने पूरे दिन किया जमकर हंगामा
- छात्रों ने प्रभारी कुलपति और कुलसचिव को दफ्तर में भी नहीं बैठने दिया
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
श्रीनगर गढ़वाल: मांगों को पूरा करने में असमर्थता जताने से आक्रोशित छात्रों ने मंगलवार को गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति और प्रभारी कुलसचिव को अपने कार्यालय में नहीं बैठने दिया। आंदोलित छात्रों का कहना था कि उनकी मांगों को पूरा करने का जब उन्हें कोई अधिकार ही नहीं है, तो उन्हें कुर्सी पर ही नहीं बैठना चाहिए। इसके बाद प्रभारी कुलपति प्रो. एससी बागड़ी और प्रभारी कुलसचिव डॉ. एके मोहंती कार्यालय से बाहर निकल गए।
इस दौरान, आंदोलित छात्रों ने कुलपति सचिवालय के गेट पर लगे ग्रिल को विरोध स्वरूप दो घंटे तक बंद भी रखा। दूसरी ओर, आउटसोर्स कर्मचारियों ने पूर्ववत तैनाती देने की मांग को लेकर मंगलवार से विवि प्रशासनिक कार्यालय परिसर में क्रमिक अनशन शुरू कर दिया। उनके समर्थन में संयुक्त छात्र परिषद ने बिड़ला परिसर श्रीनगर और चौरास परिसर को बंद भी किया।छात्रसंघ के नेतृत्व में संयुक्त छात्र परिषद द्वारा विश्वविद्यालय बचाओ आंदोलन चलाया जा रहा है।
जय हो छात्र संगठन के अमित प्रदाली, विवि छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप पंवार, आर्यन छात्र संगठन के देवकांत देवराड़ी और आइसा के अतुल सती के नेतृत्व में आंदोलित छात्र विभिन्न मांगों पर वार्ता के लिए प्रभारी कुलपति प्रो. एससी बागड़ी से मिलने पहुंचे। प्रभारी कुलपति ने कहा कि वार्ता तो हो सकती है, लेकिन मांगों पर कोई निर्णय लेने का अधिकार उन्हें नहीं है, जिसके बाद छात्र भड़क गए।
जिसमें निम्न मांगों के साथ 16 दिन भी धरना जारी रहा।
1- विश्वविद्यालय में पिछले वर्ष M.p.ed चला लेकिन इस वर्ष से विश्वविद्यालय M.p.ed के लिए कोई भी entrance आयोजित नहीं कर रही है और इसको बन्द कर रही है ।
2- विश्वविद्यालय में c.b.c.s. system के अनुसार ही परिक्षाएं और परिक्षाओं के परिणाम घोषित किए जाये ।
3- विश्वविद्यालय में जिस तरह छात्र को external exam m back paper ki सुविधा है उसी प्रकार से इंटरनल एग्जाम में भी बैंक पेपर की सुविधा हो जबकि विश्विद्यालय द्वारा ये नियम है कि इंटरनल अगर किसी छात्र का छूट जाता है तो उसे 6 सेमेस्टर पूरे करने के बाद री एडमिशन ले कर उस परिक्षा को पास करना पड़ेगा जिसमें छात्र का एक साल बर्बाद हो रहा है
4- विश्वविद्यालय में छात्रों को क्लासे प्रोफेसर पड़ाए जबकि यहां सारी क्लासें p.h.d. student पढ़ाते है
5- p.h.d. के छात्र यूजीसी द्वारा नियमित किए गए क्लासेस ही पढ़ाएंगे ।
6- P.h.d.छात्रों की फेलोसिफ समय से मिले ।
7- विश्वविद्यालय की सभी कैंटीन और हॉस्टल मैस में छात्रों को सब्सिडी का खाना मिले
8- विश्वविद्यलय में कर्मचारइयों का रोटेशन नियम अनुसार हर तीन साल में हो क्युकी बहुत से कर्मचारी एक ही कुर्सी पर बैठ कर तानाशाही रवैया छात्रों के साथ अपनाता है और बच्चो के काम तो दूर उनसे बात भी तमीज से नहीं करते है ।
9- विश्वविद्याल में सफाई कर्मचारी और सिक्योरिटी गार्ड जिनको निकाला गया है उनको पूर्व की भांति यथावत रखा जाए ।
10- विश्वविद्यलय में कोई भी हॉल या ऑडिटोरियम में छात्रों को किसी भी कार्यक्रम को करने। केलिए 25000 रुपए नहीं लिए जाए पूर्व की भांति निशुल्क रहने दिया जाए ।