पनपतिया में फंसे ट्रेकर्स सकुशल पहुंचे जोशीमठ
-ट्रैकिंग दल के गुप्र लीडर सुप्रीयो वर्मन के शव को लायेगी पर्वतारोही टीम
-एसडीआरएफ की पर्वतारोही टीम को हेलीकॉप्टर से मद्महेश्वर धाम में भेजा
-पैदल रास्ते से होकर टीम पहुंचेगी पनपतिया
रुद्रप्रयाग । बद्रीनाथ-मदमहेश्वर पैदल ट्रेक के पनपतिया में फंसे आठ टै्रकरों को सकुशल मद्महेश्वर धाम लाने के बाद शनिवार सुबह जोशीमठ छोड़ दिया गया है। एयरफोर्स के चॉपर के जरिये ट्रेकर्स को जोशीमठ पहुंचाया गया। ट्रेकर्स दल के टीम लीडर सुप्रीयो वर्मन के शव को लाने के लिए देहरादून से आई एसडीआरफ की पर्वतारोही टीम को मद्महेश्वर धाम भेजा गया है, जो पैदल रास्ते से पनपतियां पहुंचकर शव को लेकर आयेगी।
आखिरकार चार दिनों के रेस्क्यू अभियान के बाद ट्रैकर्स दल को सही सलामत लाया जा चुका है। ये सभी कर्मचारी इंडियन ऑयल में कार्यरत हैं, जो बद्रीनाथ-मदमहेश्वर पैदल टै्रक के जरिये मद्महेश्वर पहुंचना चाहते थे। लगातार हुई बारिश के कारण दल के सदस्य 26 सितम्बर को पनपतिया ग्लेशियर में फंस गये, जबकि कुछ लोग मद्महेश्वर धाम पहुंच गये और प्रशासन को अपने साथियों की जानकारी दी। जानकारी मिलने के बाद पुलिस, आपदा, एसडीआरएफ की टीम पैदल रास्ते से होकर पनपतिया के लिए निकली। इस दौरान एयरफोर्स की भी मदद ली गई, मगर मौसम की खराबी के चलते एयरफोर्स के चॉपर को लैंडिंग में काफी दिक्कतें हुई। तब तक पुलिस, आपदा एवं एसडीआरएफ की संयुक्त टीम पनपतिया पहुंच चुकी थी। करीब चार दिनों तक चले इस रेस्क्यू अभियान के दौरान दल के सदस्य पनपतिया में ही फंसे रहे। इस बीच इनके टीम लीडर सुप्रीयो वर्मन की भारी ठंड और ग्लेशियर के कारण मौत हो गई।
इनको किया गया रेस्क्यू
धमेंद्र सिंह निवासी दिल्ली
भगवती प्रसाद निवासी दिल्ली
राकेश, निवासी दिल्ली
हरदेव सिंह निवासी उत्तरकाशी (पोर्टर) समेत चार अन्य पोर्टर
शुक्रवार शाम को टीम द्वारा टै्रकरों को मद्महेश्वर धाम लाया गया, जहां से एयरफोर्स के चॉपर के जरिये शनिवार की सुबह सभी ट्रैकरों और पोर्टरों को जोशीमठ पहुंचाया गया। पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि चार दिनों तक चले रेस्क्यू अभियान के बाद आखिरकार सफलता मिली। उन्होंने कहा कि सभी ट्रैकर्स और पोर्टरों को एयरफोर्स के चॉपर के जरिये जोशीमठ छोड़ा गया है, जबकि उनके एक साथी सुप्रीयों वर्मा की मृत्यु के बाद एसडीआरएफ के पर्वतारोही की टीम को बुलाया गया। इस टीम को मद्महेश्वर धाम में छोड़ा जायेगा, जो यहां से पैदल होकर पनपतिया पहुंचेगी और शव को लेकर देहरादून जायेगी। शव के पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पायेगा।