देहरादून. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदारनाथ धाम पहुंचकर पूजा अर्चना की. इस दौरान उन्होंने करोड़ों रुपयों के विकासकार्यों का भी उद्घाटन की. हालांकि, इन सभी कार्यक्रमों में सबसे खास आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के अनावरण को कहा जा रहा है. पीएम मोदी ने यहां शंकराचार्य के समाधि स्थल की भी लोकार्पण किया. यह स्थान साल 2013 में आई प्राकृतिक आपदा में टूट गया था.
आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा तैयार करने के लिए कई मूर्तिकारों ने कोशिश की. आंकड़े बताते हैं कि प्रतिमा के करीब 18 मॉडल तैयार किए गए थे, लेकिन पीएम की सहमति के बाद एक मॉडल का चयन किया गया. मैसूर के कलाकार अरुण योगीराज के हाथों तैयार हुई . खास बात यह है कि यह प्रतिमा केवल एक ही शिला से तैयार की गई है.
सितंबर में मूर्ति को चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से उत्तराखंड लाया गया था. कलाकारों की टीम ने इस प्रतिमा के लिए एक खास शिला चुनी. खास बात है कि 130 वजनी शिला को तराशने के बाद इका वजन 35 टन हो गया.
कलाकारों ने आदि गुरु शंकराचार्य के ‘तेज’ को दिखाने के लिए प्रतिमा पर नारियल के पानी का भी इस्तेमाल किया है. इसकी मदद से मूर्ति की सतह पर चमक बनी रहेगी. प्रतिमा की ऊंचाई करीब 12 फीट होगी.