UPRNN पर लगे काले दाग धोने की कवायद शुरू !
- 11 मई को रावत कैबिनेट ने यूपी राजकीय निर्माण निगम को नये ठेके देने पर लगायी थी रोक
- रोक से नेताओं सहित अधिकारियों के एक बड़े वर्ग को भी लगा था झटका
- यूपीआरएनएन को सूबे से काम न मिलने की स्थिति में उनके आर्थिक हित हो रहे हैं प्रभावित
देहरादून : निर्माण कार्यों में तमाम अनियानित्ताओं सहित निर्माण निगम के कई अधिकारियों के यहाँ छापे के दौरान पकड़ी गयी करोड़ों रुपये की अघोषित सम्पत्तियों के पकड़े जाने और एक चर्चित अधिकारी को हटाये जाने के बाद यूपी राजकीय निर्माण निगम को कुछ महीने पहले उत्तराखंड में ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था, लेकिन बीते दो दिन पूर्व निर्माण निगम की पैरवी के लिए उत्तरप्रदेश के उप मुख्यमंत्री के उत्तराखंड दौरे के बाद यूपी राजकीय निर्माण निगम पर लगे काले दाग को हटाने कि कवायद शुरू हो गयी है। जानकारों का मानना है कि यूपी के उपमुख्यमंत्री का उत्तराखंड दौरा इसी की कवायद का हिस्सा था।
गौरतलब हो कि 11 मई को त्रिवेन्द्र रावत कैबिनेट ने उत्तराखंड में यूपी राजकीय निर्माण निगम को नये ठेके देने पर रोक लगा दी थी। उत्तराखंड सरकार ने ये फैसला निगम के एक बड़े अधिकारी पर आयकर के छापे के बाद लिया था। वहीँ राज्य निर्माण की तारीख से लेकर आज तक यूपी राजकीय निर्माण निगम द्वारा राज्य में कराये गए तमाम निर्माण कार्यों को लेकर सूबे की अपनी निर्माण संस्थानों सहित जनता में आक्रोश व्याप्त है कि आखिर जब राज्य सरकार के पास लोकनिर्माण विभाग सहित तमाम ऐसे संस्थान हैं जिनके पास बड़े-बड़े निर्माण कार्य करने का अनुभव है तो ऐसे में बाहर की निर्माण एजेंसी पर भरोसा करना सन्देश उत्पन्न करता है,वह भी तब जब इस निर्माण एजेंसी पर तमाम घपले और घोटालों सहित कार्यों में व्यापक अनियमितताओं के आरोप लग चुके हैं।
ताज़ा जानकारी के अनुसार मंगलवार को यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा यूपीआरएनएन की पैरवी साफ़ दर्शाती है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा यूपीआरएनएन के कार्यों पर रोक लगाने के बाद यूपीआरएनएन को आर्थिक रूप से तगड़ा झटका तो लगा ही है साथ ही यूपीआरएनएन को काम आवंटित करने वाले नेताओं सहित अधिकारियों के एक बड़े वर्ग को भी झटका लगा है।
चर्चा है कि यूपीआरएनएन को सूबे से काम न मिलने की स्थिति में उनके आर्थिक हित भी प्रभावित हुए हैं । जिससे एक बड़े वर्ग में छटपटाहट महसूस की जा रही थी और उन्हें उत्तराखंड सरकार का यूँ ही यूपीआरएनएन से रूठना अच्छा नहीं लग रहा था। चर्चा तो यहाँ तक है कि यूपी के उपमुख्यमंत्री का उत्तराखंड दौरा उन्ही लोगों की योजना का एक हिस्सा था। चर्चा है कि यूपी के उप मुख्यमंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की मुलाकात के दौरान इस मामले पर बातचीत हुई है। उल्लेखनीय है कि यूपी निर्माण निगम के पास वर्तमान में उत्तराखंड में 500 करोड़ रुपए के 351 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स निर्माणाधीन हैं।