EXCLUSIVE
अब तक तो फेल ही रहा है भाजपा का उत्तराखंड में मुख्यमंत्रियों को बदलने का प्रयोग !

अफवाह फैलाने वाले नहीं बता पा रहे मुख्यमंत्री पद के लिए निर्विवाद चेहरा
राजेन्द्र जोशी
राज्य बनने के बाद उत्तराखण्ड में हुए लोक सभा चुनाव की स्थिति पर एक नज़र
वर्ष 2004 लोक सभा चुनाव
(प्रदेश में कांग्रेस की सरकार)
मुख्यमंत्री – स्व. नारायण दत्त तिवारी
कार्यकाल 2002 से 2007 तक
भाजपा – 03, कॉंग्रेस -01, सपा-01,
वर्ष 2009 के लोक सभा चुनाव
(प्रदेश में भाजपा सरकार )
मुख्यमंत्री- मेजर जन. बीसी खंडूरी
7 मार्च 2007 से 26 जून 2009, सीएम रमेश पोखरियाल निशंक 27 जून 2009 से 10 सितम्बर 2011, पुनः खंडूरी 11 सितंबर 2011 से 13 मार्च 2012.
नेतृत्व परिवर्तन करना बीजेपी के लिए घातक हुए 2012 विधानसभा सत्तासीन मुख्यमंत्री व बीजेपी भी हार गयी।
पांचों सीट कॉंग्रेस ने जीती, भाजपा का सूपड़ा साफ,
वर्ष 2014 लोक सभा चुनाव
(प्रदेश में कांग्रेस की सरकार )
सीएम विजय बहुगुण 13 मार्च 2012 से 31 जनवरी 2014, सीएम हरीश रावत 1 फरवरी 2014 से 17 मार्च 2017 . पांचों सीट भाजपा ने जीती, कॉंग्रेस के सूपड़ा साफ
वर्ष 2019 लोक सभा चुनाव
(प्रदेश में भाजपा की सरकार)
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 18 मार्च 2017 से लगातार
भाजपा पांचों लोक सभा मे विजयी, राज्य में विधान सभा के उपचुनाव, पंचायत में 80 प्रतिशत सीट, लगभग 70 प्रतिशत ब्लॉक प्रमुख, 7 में से 5 नगर निगम मेयर , अधिकतर नगरपालिका, नगर पंचायत व जिला पंचायतों पर जीत.
इससे साफ जाहिर होता है कि जनता ने त्रिवेंद्र के पूर्ण होने जा रहे तीन सालों के कार्यकाल को सराहा है इसके बदले पांच लोक सभा सदस्य दिए, जो उत्तराखण्ड के इतिहास में पहली बार हुवा कि सत्ताधारी पार्टी को सभी सीटों पर जीत मिली।