एसआईटी की मिला टीडीसी बीज घोटाले की जांच का जिम्मा

घपले के लिए वतर्मान में उच्च पदों पर बैठे अफसरों पर भी सवाल
देहरादून : तराई एवं बीज विकास निगम (टीडीसी) के चर्चित गेहूं बीज घोटाले की एसआईटी जांच करेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने एसआईटी के गठन की मंजूरी दे दी। कृषि विभाग अब इसका प्रस्ताव गृह विभाग को भेज रहा है। अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ रणवीर सिंह ने इस फैसले की पुष्टि की।
उल्लेखनीय है की बीते कई वर्षों से चर्चित बीज घोटाले की जांच के लिए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने मुख्यमंत्री से सिफारिश की थी। सूत्रों के अनुसार जांच में दोषी पाए गए अफसरों ने इस घपले के लिए वतर्मान में उच्च पदों पर बैठे अफसरों पर भी सवाल उठाए हैं। अपर मुख्य सचिव-कृषि डॉ रणवीर सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री को एसआईटी जांच का प्रस्ताव दिया गया था। इसे अनुमति मिल गई है। अब एसआईटी आगे की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाय ।
गौरतलब हो कि गेहूं बीज घपला वर्ष 2014 से -16 के दौरान का है। टीडीसी के अफसरों ने घटिया क्वालिटी का गेहूं यूपी और बिहार भेजा था। दोनों राज्यों ने गुणवत्ता के ऑफर पर इस गेहूं को नहीं लिया। बाद में टीडीसी अफसरों ने उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों के निर्देश की बाद मनमाने ढंग से औने पौने दाम पर कुछ खास कंपनियों को गेहूं बीज बेच दिया। इसमे टीडीसी को करीब 16 करोड़ रुपये की चपत लगी। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने इस मामले में 10 दोषी अफसरों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दे दिए थे। हालांकि इनमें कुछ अधिकारियों की गिरफ्तारी पर अदालत से स्टे भी मिल चुका है।