UTTARAKHAND

सिसौदिया जी आपको ‘आप’ को नहीं है उत्तराखण्ड की समझ

सिसौदिया की आधारहीन चुनौती के मायने वे खुद ही नहीं जाने 

त्रिवेन्द्र अपने पौने चार साल के कार्यकाल के दौरान ईमानदार और दमदार मुख्यमंत्री के रूप में हैं उभरे

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून : उत्तराखण्ड की सियासत में हाथ आजमाने के सपने देख रही आम आदमी पार्टी जनता को गुमराह करने में जुट गई है। हाल ही में कुमाऊं दौरे पर आए ‘आप’ के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने सार्वजनिक मंच से दावा किया कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत अपने तीन साल के कार्यकाल की 5 उपलब्धियां नहीं गिना सकते। उनके इस दावे से साफ है कि सिसौदिया को उत्तराखण्ड की समझ नहीं है। होती तो शायद वह मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की इस तरह की आधारहीन चुनौती न देते। धरातल पर स्थिति यह है कि त्रिवेन्द्र अपने पौने चार साल के कार्यकाल के दौरान ईमानदार और दमदार मुख्यमंत्री के रूप में उभरे हैं। राज्यहित में उन्होंने उन मसलों पर भी साहसिक फैसले लिए जिन्हें कांग्रेस के पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री भविष्य के लिए राजनैतिक मुद्दा बनाए रखना चाहते थे। आइए नजर डालते हैं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र की चुनिंदा उपलब्धियों पर –

1- भ्रष्टाचार पर लगाया प्रभावी अंकुश।

2- देवस्थानम बोर्ड का गठन।

3- उत्तराखंड अटल आयुष्मान योजना का सफल क्रियान्वयन।

4- गैरसैंण को घोषित किया ग्रीष्मकालीन राजधानी।

5- रेल कनेक्टिविटी के निर्माण कार्य में लाई गई तेजी।

6- युद्धस्तर पर चल रहा है चारधाम ऑल वेदर परियोजना का काम।

7- 2018 में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन। 124 लाख करोड़ के 601 एमओयू हुए साइन। पहाड़ों में बढ़ा निवेश। अब तक पहले चरण में हो चुकी है 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की ग्राउंडिंग।

8- 13 डिस्ट्रिक्ट, 13 न्यू डेस्टिनेशन योजना से किया जा रहा है पर्यटन विकास।

9- होम स्टे योजना से पर्यटन मानचित्र से जुड़ रहे हैं दूर दराज के गाँव।

10 – प्रदेशभर के राजकीय चिकित्सालयों में भरे गए डॉक्टरों के रिक्त पद।

11- देहरादून में रिस्पना और अल्मोड़ा में कोसी नदी को पुनर्जीवित करने का काम शुरू।

12- उड़ान योजना के तहत पंतनगर और पिथौरागढ़ आदि स्थानों को हवाई नक्शे से जोड़ा गया।

13- किसानों को 0 % ब्याज पर दिया जा रहा है ऋण।

14 – साढ़े तीन साल में 7.12 लाख लोगों को दिया प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार।

15 – पलायन आयोग का गठन कर रिवर्स पलायन को लेकर योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है काम। इसी के तहत अब तक 100 से अधिक ग्रोथ सेंटर्स की स्थापना को दी गई मंजूरी।

16 – प्रदेश के गन्ना किसानों को अवशेष गन्ना मूल्य का शत-प्रतिशत भुगतान किया गया।

17- केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्य में लाई गई तेजी।

18- बद्रीनाथ धाम के विकास का मास्टरप्लान तैयार।

19- भारत नवाचार सूचकांक 2019 में पूर्वोत्तर एवम पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखंड सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल।

20- उत्तराखंड को 66वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार में बेस्ट फ़िल्म फ्रेंडली स्टेट घोषित किया गया।

21- स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तराखंड को मिले 7 पुरूष्कार।

22- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में उधमसिंहनगर ज़िले को देश के सर्वश्रेष्ठ 10 जिलों में मिला स्थान।

23 – उत्तराखंड को खाद्यान्न उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दूसरी बार कृषि कर्मण प्रशंसा पुरुष्कार मिला।

24 – जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड को जैविक इंडिया अवॉर्ड 2018 दिया गया।

25 – मनरेगा में देशभर में सर्वाधिक 16 राष्ट्रीय पुरुष्कार उत्तराखंड को मिले।

26 – मातृत्व मृत्यु दर में सर्वाधिक कमी के लिए उत्तराखंड को भारत सरकार ने किया पुरष्कृत।

27- आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सहायिका और मिन्नी कार्यकत्री के मानदेय में कई गई बढ़ोतरी।

28 – वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांगजनो की पेंशन राशि बढ़ाकर की गई 1200 रुपये प्रति माह।

29 – ग्राम प्रहरियों का मानदेय 2000 रुपया प्रतिमाह किया गया।

30 – दिव्यांगजनो के लिए आरक्षण 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी किया गया।

31 – अनाथ बच्चों को सरकारी सेवाओं में कई गई आरक्षण की व्यवस्था।

32 – दुर्घटना राहत राशि को मृत्यु पर 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख, गंभीर घायल होने पर 20 हजार से बढ़ाकर किया गया 40 हजार।

33 – शहीद सैनिकों के परिजनों को योग्यतानुसार दी जा रही है नौकरी।

34- विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में की गई बढ़ोतरी।

35 – ई- कैबिनेट, ई- ऑफिस, सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाइन 1905 और सेवा का अधिकार की पारदर्शिता के चलते कार्यसंस्कृति में हुआ सुधार।

36 – ट्रान्सफर एक्ट को पारदर्शिता के साथ किया गया लागू।

37 – 2021 में हरिद्वार में प्रस्तावित कुम्भ की लगभग पूरी हो चुकी है ठोस तैयारियां।

38 – गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को बांटा गया राशन।

39 – शिक्षा में NCRT की पुस्तकें कीं शुरू।

40 – देहरादून में 175 करोड़ की लागत से देश की पांचवीं साइंस सिटी का हो रहा है निर्माण।

41 – राज्य में साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना का निर्णय।

42 – ग्रामीण क्षेत्र के निर्धन तबके को मात्र एक रूपया और शहरी क्षेत्र में 100 रूपया शुल्क पर घर-घर जल पहुंचाने की योजना शुरू।

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