UTTARAKHAND

भू-वैकुंठ धाम बद्रीनाथ के कपाट ब्रह्म मुहूर्त में खुले

10 क्विंटल फूलों से सजाया गया है बदरीनाथ मंदिर परिसर 

ब्रह्म मुहूर्त में बिजली की रोशनी में नहाया- मंदिर

भगवान बदरीविशाल की प्रथम पूजा.अर्चना देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की तरफ से मानवता के कल्याण आरोग्यता के लिए हुई संपन्न

देवभूमि मीडिया ब्यूरो
बदरीनाथ। विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शुक्रवार प्रातः 4 बजकर 30 मिनट पर ब्रह्म मुहूर्त में खोल दिए गये। शुक्रवार, जेष्ठ माह, कृष्ण अष्टमी तिथि, कुंभ राशि, धनिष्ठा नक्षत्र, ऐंद्रधाता योग के शुभ मुहूर्त पर कपाट पहली बार तय मुहूर्त से इतर खोले गए हैं। इससे पहले बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि 30 अप्रैल तय की गयी थी लेकिन देश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूर्व निर्धारित तिथि में परिवर्तन करने के बाद शुक्रवार प्रातः विधिविधान के साथ कपाट खुल गए हैं।  हालांकि इस अवसर पर सीमित संख्या में लोग उपस्थिति रहे जिन्होंने सोशल डिसटेंसिंग का पालन करते हुए और मास्क पहने हुए बाबा बदरीनाथ के दर्शन किए।
इससे पूर्व बीते दिन आदि गुरू शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी सहित रावल श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी एवं गाडूघड़ा, तेलकलश के साथ योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे थे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार सेना के बैंड की मधुर ध्वनि, भक्तों का हुजूम, भजन मंडलियों की स्वर लहरियां बदरीनाथ धाम में नहीं सुनायी दी।
अभी बदरीश पुरी में आश्रम, दुकानें छोटे-बड़े होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे बंद हैं। लेकिन कपाट खुलने के दौरान मंदिर परिसर में लगाए गए ध्वनि यंत्रों से वेद मंत्रों की ध्वनियों से बदरीशपुरी गुंजायमान जरूर हो रही है। ब्रह्म मुहूर्त में लाखों फूलों से सजे बदरीनाथ मंदिर की छटा देखते ही बन रही है वहीँ पूरा मंदिर परिसर रंग बिरंगी बिजली की रोशनी से जगमगा रहा है।
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही इस यात्रा वर्ष में अब सभी चार धामों के कपाट तो खुल गए हैं लेकिन श्रद्धालुओं के कोरोना महामारी की वजह से न आ सकने के कारण चारों धामों में वह हलचल कहीं भी नज़र नहीं आ रही है जो पहले दिखाई देती थी।

https://youtu.be/qcUyez7HQ3k

शुक्रवार प्रातः लगभग तीन बजे से ही श्री बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू होने लगी थी। देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी, सेवादार हक हकूकधारी इसमें जुटे हुए थे। श्री कुबेर जी बामणी गांव से बदरीनाथ मंदिर परिसर में पहुंचे तो रावल जी एवं डिमरी हक हकूकधारी भगवान के सखा उद्धव जी एवं गाडू घड़ा तेल कलश लेकर द्वार पूजा करने बदरीनाथ मंदिर परिसर में पहुंचे। जहां वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ द्वार पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसके बाद ब्रह्म मुहूर्त में प्रातः 4.30 बजे रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिये गये। श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलते ही माता लक्ष्मी जी को मंदिर के गर्भ गृह से रावल जी द्वारा मंदिर परिसर स्थित लक्ष्मी मंदिर में स्थापित किया गया। श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी बदरीश पंचायत के साथ विराजमान किए गए।
कपाट खुलने के पश्चात मंदिर में शीतकाल में ओढे गये घृत कंबल को प्रसाद के रूप में वितरित किया। उल्लेखनीय है कि माणा गांव की महिलाओं द्वारा तैयार हाथ से बुने गये घृतकंबल को कपाट बंद होने के अवसर पर भगवान बद्रीविशाल को ओढ़ाया जाता रहा है। कोरोनाकाल में श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही मानवमात्र के रोग शोक की निवृत्ति, आरोग्यता एवं विश्व कल्याण की कामना की गयी‌।
इस बार भगवान बदरीविशाल की प्रथम पूजा.अर्चना देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की तरफ से मानवता के कल्याण आरोग्यता के लिए संपन्न की गई है। वहीँ आन लाईन बुक हो चुकी पूजाओं को श्रद्धालु व यात्रियों की ओर से उनके नाम संपादित किया जायेगा।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही मंदिर परिसर में स्थित माता लक्ष्मी मंदिर, श्री गणेश मंदिर, हनुमान जी, भगवान बदरी विशाल के द्वारपाल घंटाकर्ण जी का मंदिर परिक्रमा स्थित छोटा मंदिर तथा आदि केदारेश्वर मंदिर आदि गुरू शंकराचार्य मंदिर के द्वार खुल गये।
वहीं माणा के निकट स्थित श्री माता मूर्ति मंदिर तथा श्री भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन के कपाट भी इसी के साथ खुल गये हैं । जबकि बदरीनाथ स्थित खाक चौक में हनुमान मंदिर के द्वार भी खुल गये हैं ।

https://youtu.be/aW6ssnBCCo8

इधर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर देश.विदेश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने आशा प्रकट की है कि शीघ्र कोरोना महामारी समाप्त हो जायेगी। यथा शीघ्र उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होगी तथा तीर्थ यात्री दर्शनों के लिए पहुंच सकेंगे।
कपाटोद्घाटन के अवसर पर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित देवस्थानम बोर्ड के प्रभारी अधिकारी बी.डी.सिंह, नायब तहसीलदार प्रदीप नेगी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, अपर धर्माधिकारी सत्यप्रसाद चमोला, थानाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह, अभिसूचना निरीक्षक सूर्य प्रकाश शाह आदि मौजूद रहे।

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