श्री बद्रीनाथ-देवताल माणा-पास य़ात्रा
ओह्म सरस्वती महाभागे विध्ये कमल लोचने !!
विध्या रूपी विसालाक्षे विध्याम देही नमोस्तुते !!
राजेन्द्र जोशी
देवताल जैसा कि शाब्दिक अर्थ से ही पता चलता है यह तालाब देवताओं के स्नान के लिए प्राकृतिक रूप से बना हुआ है, इसे तालाब ही नहीं बल्कि एक ऐसी झील है जो समुद्र की सतह से लगभग 18 हज़ार फीट की ऊँचाई पर स्थित है, इसे सरस्वती नदी का उद्गम भी कहा जाता है, स्वच्छ निर्मल और दुधिया जल से लबालब भरी यह झील लगता है अमृत से भरी हुई झील है एक बूंद पानी का आचमन मात्र कर लेने से सफ़र की थकावट दूर। कहा तो यहाँ तक जाता है जिसने देवताल में स्नान कर दिया उसके कई जन्मों तक के पाप और कष्ट स्वतः ही ख़त्म हो जाते हैं और शरीर को एक नहीं ऊर्जा और शक्ति मिलती है। वहीँ इसी तालाब के नीचे की और एक और तालाब है जिसे राक्षस ताल कहते हैं, कहा जाता है इसमें राक्षस ही स्नान करते हैं वे देवताल में स्नान नहीं कर सकते।
भारत-चीन सीमा पर स्थित यह झील चीन सीमा से लगभग दो किलोमीटर पहले है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा और उत्तराखंड के यायावर डॉ. मोहन सिंह रावत गांववासी जी के सानिध्य व नेतृत्व में पिछले तीन सालों से चल रही यह यात्रा जहाँ देश के उन स्थानों से निकलती हैं जहाँ मानव का रहना मुश्किल है लेकिन हमारे देश की सेना के जवान यहाँ मुस्तैद खड़े रहते हैं, उन्हें न मौसम की चिंता और न बर्फवारी की चिंता, चिंता है तो सिर्फ अपनी सरहदों की रक्षा की ऐसे बीरान इलाके में हमारे सैनिकों का जोश और जज्बा काबिले तारीफ है। उनका यह जज्बा हमें देश पर मर मिटने को उत्साहित भी करता है।
भारत-चीन सीमा के आखिरी गांव माणा से यहाँ तक की दूरी लगभग 65 किलोमीटर है मार्ग में कई स्थान आते हैं, जिनका जिक्र देश की सुरक्षा की दृष्टि से करना उचित नहीं है, लेकिन यह मार्ग हिमाचल प्रदेश के खरदुन्गला पास से भी सुंदर और रमणीक लगता है। लेकिन यह मार्ग बहुत ही खतरों से भरा और नदी नालों से होता हुआ देवताल तक पहुँचता है। कहा जाता है यह स्थान देवताओं के ध्यान करने का है कहा तो यह भी जाता है कि इस स्थान पर भगवान श्री कृष्ण दो बार आये और वर्षों तपस्या करके अमरनाथ भगवान शिव के दर्शन उन्हें यहाँ हुए थे।
इस साल भी देवताल य़ात्रा समाजसेवी डा.मोहन सिंह रावत “गांववासी” के मार्गदर्शन भगवान बद्रीविशाल की अगुआयी में एवम संयोजक आयोजकों टीम की कुशल नेतृत्व में लगातार “तृतीय वर्ष एक सितम्बर 2017” को 42 सदस्यीय दल बद्रीनाथ माणापास “देवताल” य़ात्रा सीमा दर्शन कर य़ात्रा सम्पन्न की। इस दौरान देवताल में एक मंदिर के निर्माण का भी संकल्प लिया गया जो शायद सबसे ऊँचे स्थान पर बनेगा, भारतीय सेना सहित आईटीबीपी एवम प्रदेश और जिला प्रशासन के सहयोग से य़ात्रा सफलतापूर्वक पूर्ण की एवम सभी ने मिलकर इस यात्रा को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग किया। इस यात्रा में महत्वपूर्ण सहयोग अभिषेक भंडारी और भाष्कर डिमरी जी का मिला। जिनकी प्रेरणा से मेरी यह यात्रा सफल हो पायी।
वीडियो में देखिये देवताल का अद्भुत नज़ारा ……………….
https://youtu.be/BC0Ox6SnCqI