अभियोजन निदेशालय द्वारा नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ खुलासा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड में वर्ष 2019 में गंभीर मुकदमों में केवल 30 प्रतिशत मामलोें में ही सजा व 64 प्रतिशत में रिहाई हुई, अन्य मुकदमों में आरोपियों पर अपराध साबित नहीं हो सके। जबकि भारतीय दंड संहिता के अपराधों के कम गंभीर अपराधोें में 32 प्रतिशत मुकदमों में सजा हुई। यह खुलासा अभियोजन निदेशालय के लोक सूचना अधिकारियों द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड के अभियोजन निदेशालय से उत्तराखंड के न्यायालयों मेें वर्ष में निपटाये गये मुकदमों में सजा व रिहाई सम्बन्धी सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में प्रदेश के 13 जिलोें केे अभियोजन निदेशालय के लोेक सूचना अधिकारी/जेष्ठ अभियोजन अधिकारी के0एस0राणा ने पत्रांक सं0 218 से सूूचना विवरण उपलब्ध कराये है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार 2019 में प्र्रदेेश भर में भारतीय दंड संहिता केे सेशन विचारण (गंभीर अपराधों वाले) कुल 814 मुुकदमों का फैसला किया गया हैै जिसमें 242 मामलोें में सजा हुई तथा 525 मुकदमों मे रिहाई हुई, शेष 47 मुकदमें अन्य कारणों से समाप्त कर दिये गये हैै। भारतीय दंड संहिता के अन्य अधीनस्थ न्यायालयों द्वारा विचारण योग्य कम गंभीर मामलोें में 32 प्रतिशत मामलोें में सजा हुई है। साल भर में ऐसे 5002 मुकदमों में से 1616 मामलों में सजा हुई हैै तथा 1121 मुकदमों में रिहाई हुई हैै शेष 2260 मामले अन्य कारणों से समाप्त कर दिये गये है। इसमें 1356 मामले राजीनामे के आधार पर समाप्त किये गये है।
जिलावार उपलब्ध सूचना के अनुसार सेशन विचारण (आई.पी.सी. के गंभीर अपराधोें) के मुकदमोें में देहरादून में 113 में से 41, पिथौैरागढ़ में 26 में से 7, बागेश्वर में 18 में से 7, चम्पावत में 5 में से 2, रूद्रप्रयाग में 16 में से 6, पौैडी गढ़वाल 27 में से 7, टिहरी गढ़वाल 10 में से 7, उत्तरकाशी 7 में से 5, नैैनीताल 100 में से 39, उधमसिंह नगर में 184 में से 46, अल्मोड़ा मंे 11 में से 4, चमोली में 27 में से 6, हरिद्वार जिल में 270 में से 65 मामलों में ही सजा हुई है।
श्री नदीम कोे भारतीय दंड संहिता के अधीनस्थ न्यायालयोें द्वारा विचारण किये गये जिलावार मुकदमोें में देहरादून में 918 में 399, पिथौैराढ़ में 98 में से 21, बागेश्वर में 121 मेें 41, चम्पावत में 92 में से 32, रूद्रप्रयाग में 51 में से 14, पौैड़ी गढ़वाल में 264 में से 61, टिहरी गढ़वाल 151 में 41, उत्तरकाशी 70 में से 17, नैनीताल 565 में से 148, उधमसिंह नगर 1369 में से 478, अल्मोेड़ा 129 में से 20, चमोली 113 में से 23, हरिद्वार जिले में 1061 में 321 मुकदमों में ही सजा हुई हैै।
प्रदेश भर में 2019 में अधीनस्थ न्यायालयोें में भारतीय दंड संहिता के कम गंभीर 5002 मामलों में से 1356 राजीनामे से समाप्त किये गये हैै जोे कुल निपटाये गयेे मुकदमों के 27 प्रतिशत हैैं। पक्षकारोें में सुलह व राजीनामे सेे समाप्त किये गये भारतीय दंड संहिता के अपराधों केे फौैजदारी मुुकदमोें में देहरादून जिलेे में 247, पिथौैराढ़ के 21, बागेश्वर के 14, चम्पावत के 18, रूद्रप्रयाग के 12, पौैड़ी गढ़वाल के 56, टिहरी गढ़वाल केे 53, उत्तरकाशी के 31, नैैनीताल के 141, उधमसिंह नगर के 385, अल्मोड़ा के 33, चमोली के 11 तथा हरिद्वार जिले के 334 केेस शामिल है।