पोखड़ा,रिखणीखाल,देवप्रयाग,पंतनगर और चंपावत में बने क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवा रहा है ”हंस फाउंडेशन”
पहाड़ लौटे लोग हमारे अपने है,उनसे घृणा न करें,उनको इस संकट के समय में सम्मान दें : माता मंगला जी
कोविड-19 संक्रमण के चलते लॉकडाउन होने से देशभर से लगभग 2 लाख प्रवासी उत्तराखंडी पहाड़ लौटे है। पहाड़ लौटे प्रवासियों को आश्वस्त करते हुए माता मंगला जी ने अपने संदेश में कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण ने पुरी दुनिया की रफ्तार रोक दी है। दुनिया में कोई देश ऐसा नहीं है जो इस महामारी की चपेट में न आया हो। कई लोगों ने अपने पूरे परिवार को खो दिया है। हजारों लोगों की रोजी-रोटी छिन गई है,जो लोगों रोजी-रोटी की तलाश में अपने गांव से शहरों को गए थे। वह इस महामारी के डर से,कई दिक्कतों का सामना करते हुए अपने घरों को लौटे है। क्योंकि उनके पास लौटने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था। ऐसे में कई बार सुनने में आ रहा हैं कि अपने घरों को लौटे इन लोगों को घृणा की दृष्टि से देखा जा रहा है। यह बहुत ही दुःखद है।
हम सब को सोचना होगा की समझना होगा की यह सब हमारे अपने है। इनसे घृणा न करें,इस संकट के समय में इन्हें सम्मान दें। इन्हें अपने होने का एहसास कराएं। आज हम सब एक ऐसे मुकाम पर खड़े है। जहां हमारे साथ सिर्फ और सिर्फ कष्ट चल रहे है। हमें इन कष्टों को हराकर आगे बढ़ना है।
माता मंगला जी ने अपने संदेश में कहा हैं कि उत्तराखंड में आज बड़ी संख्या में लोगों अपने घरों को लौटे है। ऐसे में हमारी प्राथमिकता है। इन लोगों के चूल्हों की आंच कम न हो,इनके घरों में चूल्हें जलते रहे। लॉकडाउन के दौरान कोई भूखा न रहे इसके लिए हम निरंतर कार्य कर रहे है।
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए देश भर में लॉकडाउन चल रहा है। जिसके चलते शहरों में रह कर अपना जीवन यापन कर रहे लाखों की संख्या में लोगों अपने घर-गॉव को लौटे है। इन में कई लोगों तो शहरों से कई किलो मीटर की पैदल यात्रा कर अपने गांव की ओर लौटे है।
लाखों की संख्या में अपने खेत-खलिहानों को लौटे इन लोगों को केंद्र एवं राज्य सरकारों ने अपने घरों तक पहुंचने से पहले जगह-जगह बनाएं गए क्वारंटीन सेटरों में ठहराया है। इन सेंटरों में इन प्रवासियों के लिए रहने-खाने की व्यवस्थाएं राज्य सरकारों के माध्यम से तो की ही जा रही है। साथ ही कई सामाजिक संगठन इन क्वारंटीन सेटरों में रह रहे प्रवासियों की मदद के लिए आगे आए है। जिसमें अग्रणीय भूमिका निभा रहा द हंस फाउंडेशन। जो उत्तराखंड में प्रवासियों के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाए गए क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे लोगों के लिए बड़ी मदद के तौर पर खाद्य सामग्री एवं रोजमर्रा के काम में आने वाला जरूरी
उपलब्ध करवा रहा है।
उपलब्ध करवा रहा है।