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स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों पर बढ़ते हमले को देखते हुए केंद्र सरकार ने जानिए क्या लिया कड़ा फ़ैसला

अब जुर्माने के साथ 7 साल की सजा का हुआ प्रावधान

आईएमए के अध्यक्ष ने सरकार के इस फैसले का स्‍वागत करते हुए कहा धन्‍यवाद 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
नई दिल्‍ली । कोरोना संक्रमण की जांच करने वाले स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों पर हमले के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र ने  हमलों की बढ़ती हिम्मत को देखते हुए अब हमलावरों के लिए कड़ी सजा का ऐलान किया है । वहीं राज्य सरकार ने इस फैसले का स्‍वागत करते हुए केंद्र सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डॉक्टरों तथा स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा महामारी अधिनियम में संशोधन किए जाने का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में फ्रंटलाइन में कार्यरत हमारे चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा मिलेगी। यह दुर्भाग्य की बात है कि अपनी जान को खतरे में डालकर हमारी जान बचाने वाले चिकित्सकों के साथ कुछ लोग दुर्व्यवहार करते हैं। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हम अपने चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को विश्वास दिलाते हैं कि उनकी सुरक्षा के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। कोरोना वारियर्स का सम्मान हम सभी का दायित्व है। चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा, ‘गंभीर हमले के मामले में हमलावरों को 6 माह से सात साल तक की कैद की सजा व 1 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना किया जाएगा।’ उन्‍होंने कहा, ‘महामारी से देश को बचाने के लिए खुद को जोखिम में डालने वाले स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी जहां पूरी मेहनत और अपनी जान को जोखिम में डालकर कर लोगों को संक्रमण से बचाने के साथ ही उनकी जांच कर रहे हैं, उनपर इस तरह का हमला दुर्भाग्‍यपूर्ण है।
उन्होंने कहा ऐसे कोरोना वारियर्स के खिलाफ किसी तरह का हमला या उनका शोषण और उत्पीड़न की घटना असहनीय है। इसके तहत एक अध्‍यादेश लाया गया है जो राष्‍ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू कर दिया जाएगा।’ जावड़ेकर ने कहा, ‘महामारी रोग अधिनियम 1897 में संशोधन के साथ अध्यादेश लागू किया जाएगा।’
जावड़ेकर ने कहा, ‘डॉक्‍टरों व आरोग्‍यकर्मियों पर हमले बर्दाश्‍त नहीं किए जाएंगे। यह अपराध अब गैरजमानती अपराध होगा। स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों के गाड़ी या क्‍लिनिक पर हमला हुआ तो हमलावरों को नुकसान का दोगुना हर्जाना देना होगा। इन्‍हें 50 हजार से दो लाख तक मुआवजा दिया जाएगा।’ इसके अलावा उन्‍होंने स्वास्‍थ्‍यकर्मियों के लिए 50 लाख रुपये का इंश्‍योरेंस की भी घोषणा की है। उन्‍होंने कहा, ‘सरकार स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों का ध्‍यान रखेगी।
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