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ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से द्वितीय केदार मद्महेश्वर की डोली ने अपने धाम किया प्रस्थान

द्वितीय केदार मद्महेश्वर की डोली ऊखीमठ से हुई रवाना

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
गुप्तकाशी : द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर की चल उत्सव विग्रह डोली शीतकाल के प्रवास के बाद शनिवार को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से मदमहेश्वर के लिए रवाना हो गई।मंगौलचारी में भगवान मध्यमहेश्वर को अर्ग,लगाया जायेगा। कोरोना के कारण परम्पराओं का निर्वहन केवल चंद ग्रामीणों की उपस्थिति में होगा।मंगौलचारी से वाहन में प्रस्थान कर मदमहेश्वर की उत्सव डोली शनिवार रात्रि प्रवास पर अपने पहले पड़ाव राकेश्वरी मंदिर रांसी गांव में प्रवास करेगी।
गौरतलब हो कि द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर धाम के कपाट 11 मई सोमवार को 11 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते निश्चित संख्या में ही श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति होगी। मिली जानकारी के अनुसार इस बार पुजारी सहित केवल सात लोगों को धाम जाने की अनुमति मिली है।
शनिवार को प्रातः पांच बजे उखीमठ के प्राचीन और पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ द्वितीय केदार की परम्परागत रूप से वैदक रीति रिवाज से पूजा-अर्चना की गई। जिसके बाद भगवान मदमहेश्वर का महाभिषेक, श्रृंगार, भोग और आरती के बाद आराध्य भोगमूर्तियों को चल विग्रह उत्सव डोली में रखा किया गया। अन्य धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ द्वितीय केदार की डोली ने ओंकारेश्वर मंदिर की परिक्रमा की जिसके बाद मदमहेश्वर की उत्सव डोली ने धाम के लिए प्रस्थान किया। वहीं मंदिर से जमाणियों द्वारा अराध्य की डोली को मंगोलचारी तक पहुंचाया गया। जहां से डोली को एक वाहन से पहले पड़ाव राकेश्वरी मंदिर रांसी गांव तक पहुंचाया गया है। शनिवार को अब यहां पर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है।
रविवार को द्वितीय केदार की डोली रांसी से अपने दूसरे पड़ाव गौंडार गांव पहुंचेगी। यहां से 11 मई प्रातः उत्सव डोली मदमहेश्वर के लिए प्रस्थान करेगी और सुबह 10.30 बजे मंदिर प्रागण में पहुंचेगी। मदमहेश्वर धाम के पूर्वान्ह 11 बजे कपाटोद्घाटन पूजा -अर्चना होगी,जिसके बाद छह माह तक द्वितीय केदार की पूजा-अर्चना मदमहेश्वर धाम में ही निरंतर रूप से होगी।

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