सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों से SDRF कमांडेंट ने वॉकी टॉकी से जाना हाल
उत्तरकाशी (उत्तराखंड): सिलक्यारा टनल हादसे के बाद मलबे में दबे 40 मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू टीमों ने पूरा दम लगा रखा है. राज्य सरकार ने भी हरसंभव मदद और हर जरूरी औजार रेस्क्यू स्थल पर पहुंचाए हैं. इस बीच ईश्वर से भी टनल के मलबे में फंसे मजदूरों के सकुशल रेस्क्यू के लिए प्रार्थना की जा रही है. मजदूरों के लिए आज खाने के सामान के साथ दवाइयां भी टनल के अंदर भेजी गईं.
पुजारी ने सुरंग के मंदिर में की पूजा:जब किसी परियोजना जैसे पुल, सड़क या फिर सुरंग का काम किया जाता है तो निर्माण कार्य करने वाले लोग उस स्थान पर एक छोटा सा मंदिर भी स्थापित करते हैं. इस मंदिर को स्थापित करने का उद्देश्य उस क्षेत्र के देवता को प्रसन्न करना होता है, जिससे निर्माण कार्य में प्राकृतिक बाधा नहीं आए. ऐसा ही छोटा सा मंदिर उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुंरग निर्माण कार्य शुरू होने से पहले स्थापित किया गया था. आज स्थानीय पुजारी ने सुरंग परिसर में स्थापित मंदिर में पूजा की. पुजारी ने सुरंग के मलबे में फंसे मजदूरों के सकुशल राहत बचाव के लिए ईश्वर से प्रार्थना की. पूजा पाठ के बाद पुजारी ने बताया कि वो सुरंग परिसर में स्थापित मंदिर में पूजा करने आए थे. पुजारी ने उम्मीद जताई कि सभी 40 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा.
श्री मणिकांत मिश्रा, कमान्डेंट SDRF के नेतृत्व में रेस्क्यू टीमें सिलक्यारा टनल में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने हेतु मौके पर प्रयासरत है।#UttarakhandPolice #SDRF #SDRF_उत्तराखण्ड_पुलिस #StateDisasterResponseForce #RescueOperation pic.twitter.com/prliQiYTuv
— SDRF Uttarakhand Police (@uksdrf) November 14, 2023
:इसी के साथ सुरंग में फंसे मजदूरों के परिजन भी सिलक्यारा में सुरंग परिसर पहुंचे हुए हैं. दो मजदूरों के परिजनों ने बताया कि उनके घर के लोग सुरंग के मलबे में दबे हैं. वो अपने परिजनों के सकुशल रेस्क्यू की उम्मीद लेकर यहां आए हैं. बताते चलें कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग निर्माण के दौरान मलबा आ गया था. उस मलबे में सुरंग में काम कर रहे 40 श्रमिक दब गए.
इस बीच सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू अभियान का एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने जायजा लिया. मणिकांत मिश्रा ने वॉकी टॉकी से सुरंग के मलबे में फंसे श्रमिकों से बात की. एसडीआरएफ कमांडेंट ने मजदूरों की कुशलता पूछी.
श्रमिकों ने एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा को बताया कि वो सब ठीक हैं. श्रमिकों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रेस्क्यू अभियान जल्द पूरा कर लिया जाएगा ऐसी उन्हें उम्मीद है. एसडीआरएफ कमांडेंट ने मजदूरों से धैर्य रखने और हिम्मत बनाए रखने को कहा. मजदूरों ने कहा कि उन्होंने हिम्मत बांधी हुई है.
इसके साथ ही आज भी सुरंग के मलबे में फंसे मजदूरों के लिए भोजन सामग्री भेजी गई. भोजन सामग्री में चना, बादाम, बिस्कुट, ओआरएस और ग्लूकोस इत्यादि शामिल रहे. इसके साथ ही कुछ दवाइयां जैसे सरदर्द और बुखार की भी पहुंचाई गई हैं. एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा राहत और बचाव कार्यों का नेतृत्व कर रहे हैं.