SPORTS

एसडीआएफ की टीम ने सतांपथ पर्वत किया फतह

एस.डी.आर.एफ. नवनीत सिंह भुल्लर के नेतृत्व में चढ़ा सतोपन्थ पर्वत

देहरादून । एस.डी.आर.एफ. की हाई एल्टिटयूड रेस्क्यू टीम द्वारा संजय गुंज्याल पुलिस महानिरीक्षक एस.डी.आर.एफ. के निर्देशन एवं नवनीत सिंह भुल्लर, उपसेनानायक एस.डी.आर.एफ. के नेतृत्व में सतोपन्थ पर्वत (ऊचांई 23263 फीट/7075 मीटर) का सफलतापूर्वक आरोहण किया गया। उत्तराखण्ड पुलिस के इतिहास में किसी टीम द्वारा प्रथम बार 7000 से अधिक ऊंचाई वाली चोटी का आरोहण किया गया कार्य है। एस.डी.आर.एफ. द्वारा अत्यन्त कठिन उच्च तुंगता वाले क्षेत्रों में भी रेस्क्यू कार्य किये जाने में दक्षता प्राप्त कर ली गयी है।

उत्तराखण्ड राज्य के हिमालयी क्षेत्रों में होने वाली किसी भी दुर्घटना, खोज एवं बचाव अभियानों के दौरान मानव क्षति को न्यूनतम कर सफलता की दर बढ़ाने एवं एस.डी.आर.एफ. हाई एल्टिट्यूड रेस्क्यू टीम की उच्चतुंगात्मक क्षेत्रों में कार्यक्षमता को बढ़ाये जाने के साथ-साथ विषम भौगोलिक परिस्थिति में प्रशिक्षण दिये जाने के दृष्टिगत् गत 18 मई को एम.ए.गणपति पुलिस महानिदेशक द्वारा एस.डी.आर.एफ. की 17 सदस्य हाई एल्टिट्यूड रेस्क्यू टीम को सतोपन्थ पर्वत (ऊचांई 23263 फीट/7075 मीटर) हेतु फ्लैग ऑफ कर रवाना किया गया था। इस पर्वतारोहण/प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने वाले सदस्यों द्वारा पूर्व में भी वर्ष 2015 में भागीरथी (6512मी.), माउण्ट कालिन्दी (6100मी.), कुल्लू पुमोरी (6575मी.), श्रीकण्ठ (6133मी.), डी.के.डी. (5670मी.) आदि चोटियों पर सफलतापूर्वक आरोहण किया जा चुका है। इसका उद्देश्य उत्तराखण्ड की विषम भौगोलिक परिस्थिति, उच्च हिमालय क्षेत्र व मौसम की अनिश्चित्ता के कारण आने वाले पर्यटकों, पर्वतारोहियों/ट्रैकरों की खोज एवं बचाव कर सुरक्षा करना है। पर्यटकों के मार्ग भटक जाने के कारण बुग्याल एंव उच्च तुंगतात्मक क्षेत्रों में सर्चिंग अभियान चलाने की जानकारी प्राप्त करना।

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में होने वाली किसी भी दुर्घटना, खोज एवं बचाव अभियानों के दौरान मानव क्षति को न्यूनतम कर सफलता की दर को बढाने एंव तकनीकी कार्यशैली एंव कार्यक्षमता को बढ़ाया जाना। विषम भौगोलिक परिस्थितियां के दृष्टिगत उच्च तुगंत्ता क्षेत्रों में वैकेल्पिक मार्गां/ट्रैकों की खोज एवं अध्ययन कर भटके हुये पर्यटकों, पर्वतारोहियों तथा ट्रैकरों को सुरक्षित वापस लाना। तकनीकी जानकारी एंव मौसम का उचित ज्ञान प्राप्त कराना। सहासिक व पर्वतारोहण अभियानों को बढावा देने व पुलिस के जवानों को प्रशिक्षित कर कार्यक्षमता को बढावा देते हुये नई उपलब्धियों को प्राप्त कराना इसका उद्देश्य है। एस.डी.आर.एफ. द्वारा किये गये मुख्य सराहनीय कार्यों में वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के पश्चात् निरन्तर वर्ष 2015, 2016 व वर्तमान समय तक चारधाम यात्रा को सफल एवं सुरक्षित बनाये जाने में अभूतपूर्व योगदान। केदारघाटी में नरकंकालों की सम्भावना के दृष्टिगत व्यापक खोज अभियान संचालित कर नरकंकालों का विधिवत दाहसंस्कार एवं अस्थि विसर्जन करना।

नन्दा देवी राजजात यात्रा वर्ष 2014 के दौरान उच्च हिमालयी निर्जन पड़ावों पर राहत बचाव, भीड़ नियन्त्रण व पथ प्रबन्धन में अतुलनीय योगदान। कैलाश मानसरोवर यात्रा वर्ष 2015, 2016 व 2017 (वर्तमान) में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाना। माउण्ट भागीरथी-द्वितीय पर्वतारोहण अभियान वर्ष 2015 का सफलतापूर्वक आरोहण। अर्द्ध कुम्भ मेला वर्ष 2016 में महत्तवपूर्ण योगदान। वर्ष 2016 के माह मई व जून में केदारनाथ में तीर्थयात्रियों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि होने पर निरूशुल्क विश्राम व्यवस्था किये जाने के साथ-साथ न्यूनतम दरों पर भोजन व्यवस्था उपलब्ध करा यात्रा को सफल बनाने में महत्तवपूर्ण योगदान। एसडीआरएफ द्वारा वर्तमान समय तक किये गये कुल 229 रेस्क्यू ऑपरेशन में कुल 3232 व्यक्तियों का सुरक्षित रेस्क्यू व 294 मृत व्यक्तियों के शवो को बरामद किया गया।

[mom_video type=”youtube” id=”https://youtu.be/6mxGteQhK5k” width=”600″ height=”400″]

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »