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आपदा प्रबंधन के लिए स्कूलों में विशेष प्रशिक्षण जरूरी: सीएम

देहरादून। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन बातों पर विशेष बल दे रहे हैं- स्वच्छ भारत, ऊर्जा की बचत और कैशलेस व्यवस्था का विस्तार। हम सब मिलकर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने नागरिक सुरक्षा के स्वयंसेवकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि राज्य की परिस्थितियों को देखते हुए राज्य में आपदा प्रबंधन हेतु एक विशेष प्रशिक्षण की

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शनिवार को नगर निगम प्रेक्षागृह में आयोजित नागरिक सुरक्षा कोर, देहरादून के वार्षिक समारोह कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे । उन्होंने संगठन से जुड़े स्वयंसेवकों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज को आज आप जैसे लोगों की जरूरत है।

आपदाएं कई प्रकार की होती है, इनके लिए कई प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाने चाहिए। आपदा से बचाव हेतु सभी सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों में छात्र छात्राओं को प्रशिक्षण दिए जाने चाहिए। आपदा से बचाव हेतु सभी सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों में छात्र छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इसमें प्राइवेट स्कूलों को अपनी सहभागिता बढ़ानी होगी। साथ ही एक जैसा सिलेबस तैयार किया जाना चाहिए, जिसमें सभी छात्र छात्राओं को समयबद्घ तरीके से प्रशिक्षण दिया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की इच्छा है कि रिस्पना और बिदांल नदी को पुनर्जीवित किया जाए। इसके लिये सरकार प्रतिबद्घ है। उन्होंने कहा कि इसके लिए रिस्पना एवं सुसवा नदी में एक एंजाइम का छिडक़ाव किया गया है, ताकि इन नदियों से दुर्गंध को खत्म किया जा सके। राज्य को दुर्गंध एवं गन्द्गी से मुक्ति दिलाने के लिए आमजन के सहयोग की आवश्यकता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नागरिक सुरक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिये नागरिक सुरक्षा कोर के बहुत से वार्डन को पुरस्कार वितरित किये। कार्यक्रम में विधायक एवं मेयर विनोद चमोली, निदेशक नागरिक सुरक्षा एवं कमाण्डेन्ट जनरल होमगार्ड अशोक कुमार एवं मुख्य वार्डन सतीश अग्रवाल सहित संगठन से जुड़े स्वयंसेवक उपस्थित थे।

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