UTTARAKHAND
उत्तराखंड में बेहतर रोजगार का जरिया हो सकती है केसर की खेती!
इसकी खेती सबसे अधिक खेती कश्मीर के पम्पौर और किश्तवाड़ में होती है
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जेपी मैठाणी
आजकल आप नकली केसर यानी कुसुम के कंटीले फूलों के बारे में भी ये सुनते हैं कि ये केसर है लेकिन सावधान रहिये. ये नकली है इसके झाड़ीनुमा पौधो पर गुच्छों में उगने वाले फूलों को सुखाकर केसर जैसा रंग निकलता है. इसलिए कृपया सावधान रहिये!
जैसे ही हम केसर का नाम सुनते हैं हमें कश्मीर का ध्यान आता है। पूजा पाठ, भोजन , प्रसाद, आयुर्वेदिक ओषधियां और इसके अलावा केसर के कई उपयोग हैं। केसर के तंतु जो धागे जैसे होते हैं वो फूल के मध्य भाग के बारीक रेशे वाले पुंकेसर होते हैं। केसर के फूल की पंखुड़ियों से केसर नहीं बनता, बल्कि फूल के मध्य भाग में जो धागे सदृश तंतु यानी पुंकेसर होते हैं, उनको सुखाकर असली केसर बनती है! इसकी खेती सबसे अधिक खेती कश्मीर के पम्पौर और किश्तवाड़ में होती है।
केसर का वानस्पतिक नाम क्रोकस सैटाइवस (Crocus sativus) है। अंग्रेज़ी में इसे सैफरन (saffron) नाम से जाना जाता है। यह इरिडेसी (Iridaceae) कुल का क्षुद्र वनस्पति है, जिसका मूल स्थान दक्षिण यूरोप है. ‘आइरिस’ परिवार का यह सदस्य लगभग 80 प्रजातियों में विश्व के विभिन्न भू-भागों में पाया जाता है।
असली केसर की खेती– हिमालय के बुग्याल से लगे क्षेत्रों या गांवों में ही 1800 मीटर से ऊपर यानी लगभग समुद्रतल से 4800-से 5000 फीट तक ही हो सकती है। असली केसर के बीज नहीं होते, बल्कि रेशेदार खोल के भीतर छुपे बल्बों या कंद से ही असली केसर के फूल खिलते हैं। मैंने वर्ष 2018 में असली केसर की खेती पर कुछ अनुप्रयोग किये, इस कार्य में मेरी मदद मेरे मित्र मुबारक नर्सरी वाले मोहम्मद खालिद और देहरादून के गार्डनिंग सोसाइटी के अध्यक्ष सतीश कुमार भंडारी जी ने की।
आइये जानते है असली केसर की खेती के बारे में…
एक किलो में 200 के करीब बल्ब आते हैं- एक नाली जमीन के लिए डेढ़ किलो केसर के बल्ब चाहिए. वर्तमान में एक किलो केसर के बल्ब का मूल्य लगभग 1000 रुपये किलो है. आपको सुविधानुसार 100 ग्राम का पैकेट भी मिल सकता है!
दूध में केसर डालकर पीना काफी अच्छा होता है, खासतौर से गर्भवती महिलाओं के लिए। क्योंकि केसर सौंदर्य निखारने में सहयोगी है, इसलिए सुंदर एवं गोरे बच्चे को पाने के लिए गर्भवती महिलाएं अपने आहार में केसर को शामिल करने की कोशिश करती हैं।
कैसा होता है केसर का असली फूल
केसर के फूल के मध्य भाग में पिस्टिल्स और स्टिग्मा यानी फूल का वह अंग जिससे परागण पैदा होते हैं, वो ही सुखाकर केसर के रूप में प्रयोग होता है। (The stigma receives pollen and it is on the stigma that the pollen grain germinates. Often sticky, the stigma is adapted in various ways to catch and trap pollen with various hairs, flaps, or sculpturings.)
केसर के फायदे
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स्वास्थ्य को मिलने वाले केसर के फायदे तो आप ज़रूर जानते होंगे। दूध में केसर डालकर पीना काफी अच्छा होता है, खासतौर से गर्भवती महिलाओं के लिए। क्योंकि केसर सौंदर्य निखारने में सहयोगी है, इसलिए सुंदर एवं गोरे बच्चे को पाने के लिए गर्भवती महिलाएं अपने आहार में केसर को शामिल करने की कोशिश करती हैं।
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हमने यहां केसर को सीधा इस्तेमाल करने की बजाय, कोशिश शब्द का प्रयोग किया है. करें भी क्यों ना… सोने-चांदी के भाव पर मिलने वाला केसर इस्तेमाल करना हर किसी के बस की बात भी नहीं है. दरअसल अधिकांश लोग जो केसर इस्तेमाल करते हैं वह असली एवं शुद्ध भी नहीं होता, क्योंकि शुद्ध केसर की कीमत तो आसमान को छूती है.