बाबा रामदेव का आंवला जूस लैब में एक बार फिर हुआ फेल

पीएच की मात्रा 7 से कम होने पर एसिडिटी व अन्य स्वास्थ्य समस्याएं
देहरादून : बाबा रामदेव पिछले कुछ सालों में बाबा कम सफल व्यापारी ज्यादा साबित हुए हैं। उनका योग का करोबार और पतंजलि उत्पादों का करोबार धुंआधार चल रहा है। बाबा का योग हिट है लेकिन पतंजलि के उत्पाद सेहत के लिए फिट हैं इस पर संशय का कुहांसा छा गया है। सूचना के अधिकार के तहत मिली एक रिपोर्ट के मुताबिक पतंजलि का दिव्य आवंला जूस और शिवलिंग बीज क्वालिटी की कसौटी पर एक बार फिर फेल हो गए हैं।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की हेल्थ लेबोरिटी की जांच में पतंजलि का आंवला जूस फेल गया था जिसके बाद आर्म्ड फोर्स की कैंटीन मे आंवला जूस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इधर अब उत्तराखंड में भी पतंजलि का दिव्य आंवला जूस और दिव्य शिवलिंगी बीज मानको की कसौटी पर खरे नहीं उतरे हैं। परीक्षण के लिए एकत्र किए 82 सेपलों में से 32 सेंपल फेल हो गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि उत्तराखंड सरकार अभी भी दिव्य की दिव्यता से सम्मोहित रहेगी या प्रतिबंध लगाएगी।
योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी ‘पतंजलि’ के कई उत्पाद उत्तराखंड की एक लैब द्वारा किए गए क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिले जवाब में यह जानकारी दी गई। इसके अनुसार, हरिद्वार की आयुर्वेद और यूनानी कार्यालय में हुई जांच में करीब 40 फीसदी आयुर्वेद उत्पाद, जिनमें पतंजलि के उत्पाद भी शामिल हैं, मानक के मुताबिक नहीं पाए गए।
साल 2013 से 2016 के बीच इकट्ठा किए गए 82 सैम्पल्स में से 32 उत्पाद क्वालिटी टेस्ट पास नहीं कर सके। पतंजलि का ‘दिव्य आंवला जूस’ और ‘शिवलिंगी बीज’ उन उत्पादों में शामिल है, जिनकी गुणवत्ता मानकों के अनुसार नहीं पाई गई। बता दें कि पिछले महीने सेना की कैंटीन ने भी पतंजलि के आंवला जूस पर प्रतिबंध लगा दिया था। सेना ने यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य प्रयोगशाला द्वारा की गई एक गुणवत्ता जांच में पतंजलि के उत्पाद के फेल होने पर की थी।
उत्तराखंड सरकार की लैब रिपोर्ट के अनुसार, आंवला जूस में तय की गई सीमा से कम पीएच मात्रा मिला। पीएच की मात्रा 7 से कम होने पर एसिडिटी व अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं। आरटीआई के जवाब से यह भी पता चला कि शिवलिंगी बीज का 31.68 फीसदी हिस्सा विदेशी था। हालांकि रामदेव के सहयोगी और पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने लैब रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। उन्होंने एचटी से बातचीत में कहा, ”शिवलिंगी बीज एक प्राकृतिक बीज है। हम इसमें छेड़छाड़ कैसे कर सकते हैं?” बालकृष्ण ने दावा किया कि लैब रिपोर्ट पतंजलि की छवि को खराब करने की एक कोशिश है।