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राजस्थान सरकार सतर्क : 96,000 मजदूर पहुंचे अपने घर

 एक  मिलियन से ज्यादा प्रवासियों ने कराया है वापसी के लिए पंजीकरण

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

पंजीकरण की यह है प्रक्रिया

राजस्थान सरकार ने  फंसे हुए  लोगों का पंजीकरण शुरू किया है ताकि उनको राजस्थान (इनवर्ड/ आउटवर्ड) वापस लाया जा सकें या  उनके राज्य भेजा जा सकें।
इस  पंजीकरण का काम ई-मित्र के माध्यम से हो रहा है जहां ऐसे लोग अपने माइग्रेशन या प्रवासन के लिए अनुरोध दायर कर सकते हैं।
कोई भी फंसा हुआ नागरिक अपने दस्तावेजों के साथ सभी प्रासंगिक विवरण प्रदान करके ई-मित्र पोर्टल पर पंजीकरण कर सकता हैं या +181/18001806127 का उपयोग करके भी पंजीकरण कर सकते हैं।
इस प्रक्रिया में अगला कदम डीएम द्वारा ई-पास / ई-एनओसी की सिफारिश होगी। जैसे ही अनुरोध प्रस्तुत किया जाएगा या पंजीकरण किया जाएगा, यह अपने आप व्यवस्थित रूप से जिला मजिस्ट्रेट के RajSSO-eMitra पोर्टल पर आ जाएगा। जिसके बाद  प्रवासियों को ई-एनओसी (इनवर्ड) /ई-पास (आउटवर्ड) जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
जयपुर : राजस्थान सरकार की सतर्कता के चलते  लॉकडाउन की वजह से देश के कई हिस्सों में फंसे हुए लाखों प्रवासी मजदूरों की घर वापसी कराई जा रही है ।
सरकार ने  प्रवासी मज़दूरों की समस्याओं से निपटने के लिए शुरुआती दौर में बसों को  चलाया परंतु अब देश भर में  विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रवासी मजदूरों की परिवहन प्रक्रिया को आसान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। रेलवे परिवहन की अनुमति के तुरंत बाद, राजस्थान सरकार ने मजदूरों के साथ ही कोटा में फंसे छात्रों को भी घर भेजना शुरु कर दिया है ।
राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल  की निगरानी में  गठित टीम स्थिति का जायज़ा ले रही है और राज्यों के साथ लगातार संपर्क बनाकर फंसे हुए मजदूरों की घर वापसी करा रही है।
एसीएस सुबोध अग्रवाल ने कहा कि “हम अपने मजदूरों को वापिस लाने और भेजने के लिए अन्य राज्यों के साथ  बातचीत में जुटे हुए हैं। यह वह समय है जब हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर नागरिक को खाना मिले  और बिना किसी परेशानी के वह अपने घर पहुँचे। हमने स्थिति पर नज़र रखी हुई हैं और हर दिन इस काम के लिए चलाई गई  विशेष ट्रेनें मजदूरों को अपने अपने राज्य भेज रही हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व्यक्तिगत रूप से इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं और उन्होंने सख्ती से निर्देश दिए है कि कोई भूखा नहीं सोयेगा (किसी को भी भूखा नहीं सोना चाहिए)।’’
अब तक, लगभग 96,000 प्रवासी मजदूरों को कई घरेलू राज्यों में ले जाया जा चुका है और यात्रा के लिए दैनिक ट्रेनों की व्यवस्था की गई  है। राजस्थान सरकार द्वारा भोजन, मास्क, सैनिटाइजर की सुविधाओं के साथ मजदूरों के परिवहन पर ध्यान दिया जा रहा है। सारी यात्राओं को सख्त निगरानी में रखा जा रहा है साथ में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। विशेष रेलवे स्टेशनों पर सभी यात्रियों की जांच मेडिकल टीमों द्वारा की जा रही है।
बता दें कि अब तक राजस्थान सरकार ने  कई राज्यों के फंसे प्रवासी मजदूर  को अपने अपने राज्य भेज दिया है जैसे गुजरात में 4,292, मध्यप्रदेश में, 37,422, पंजाब में 7,774,हरियाणा में 5,580 और उत्तर प्रदेश में 27,469 मजदूरों की घर वापसी करा दी है ।
बता दें कि विशेष रूप से 8,12,423 मजदूरों ने रेलगाड़ियों से यात्रा करने और अपने गृह राज्यों तक पहुँचने के लिए पंजीकरण कराया है। दूसरी ओर 10,64,417 मजदूरों ने भारत  के अलग-अलग हिस्सों से राजस्थान पहुंचने के लिए पंजीकरण कराया है।

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