क्या काउ की चैम्पियन की तरह बढ़ने वाली हैं मुश्किलें?
भाजपा ने काऊ के ऑडियो प्रकरण पर बैठाई जांच
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
इस ऑडियो में जो आवाज साफ़ -साफ़ सुनाई दे रही है तो वो किसकी है ? …..
कोई कितना भी कहे जिला पंचायत तो हमने विधायक को दे दिया बस। प्रधानी में बीडीसी में क्या उसको छोड़ो जो जीतेगा वो मेरा हो गया,लेकिन जिला पंचायत यदि दूसरा जीता दिया तो आपभी पछताओगे क्योंकि मैं कमजोर होऊंगा, जिलापंचायत वाले हमारे यहाँ के नहीं है, खुद आया हूँ इसलिए ,मैंने कहा मैं जाकर कहूंगा हमारा रस्ता मालदेवता है बस,हमारा रास्ता सहस्त्रधारा है……
भाजपा को तीन दिन में चाहिए जवाब
भाजपा ने बैठाई जांच तो विधायक मुकरे बोले मेरी नहीं है आवाज़ !
सोशल मीडिया में वायरल हुए भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के ऑडियो प्रकरण पर भाजपा ने जांच बैठा दी है।
प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि ऑडियो की जांच कराई जा रही है। यदि इसमें सत्यता पाई गई तो सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
वहीं, विधायक उमेश शर्मा काऊ ने ऑडियो को नकारते हुए इसे उनके खिलाफ साजिश करार दिया।
उन्होंने कहा कि यह सत्यता से परे है। लिहाजा, इसकी जांच कराई जानी चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
देहरादून : प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के कड़े तेवरों और वायरल हुए ऑडियो की जांच किये जाने की बात कहे जाने के बाद रायपुर के विधायक उमेश शर्मा काऊ के वायरल ऑडियो के सामने आ जाने के बाद कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन की तरह उनकी भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। चर्चा है कि जिला पंचायत सीट पर भाजपा समर्थित प्रत्याशी के स्थान पर विरोधी प्रत्याशी का समर्थन करने के मामले में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक विवादित ऑडियो में जो आवाज़ सामने आ रही है वह विधायक उमेश शर्मा काऊ की बताई जा रही है जिसमें वे जिला पंचायत सीट पर भाजपा समर्थित प्रत्याशी के स्थान पर विरोधी प्रत्याशी का समर्थन करने को कहते सुनाई दे रहे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने ऑडियो की जांच कराने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अभी तक पार्टी ने समर्थित प्रत्याशियों के खिलाफ खुलकर काम करने वालों 90 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है । लेकिन अब पार्टी पर्दे के पीछे पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
गौरतलब हो कि बीते निकाय चुनाव के दौरान भी उमेश शर्मा काऊ पर बागी उम्मीदवारों का समर्थन करने का आरोप लगा था लेकिन पुख्ता सबूत न होने के कारण वे बच गये थे और भाजपा संगठन ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं की लेकिन तब से ही उनकी पार्टी के प्रति विश्वसनीयता संदेह के घेरे में रही है।
चर्चा है कि उमेश शर्मा काऊ का अपने चुनाव क्षेत्र में संगठन से इतर पाने कुछ ख़ास लोगों का एक ग्रुप है जो भाजपा कार्यकर्ताओं से अपने आपको ऊपर मानता रहा है इनमें से कुछ ने उमेश शर्मा काउ के बीती 2016 में दल बदलने के दौरान उनका यह ग्रुप भाजपा में शामिल नहीं हुआ था जो अब भाजपा के समानांतर नेटवर्क के रूप में काम कर रहा है। वे इस नेटवर्क को वे पार्टी लाइन से हटकर भरपूर संरक्षण देते रहे हैं। ताजा विवाद जिला पंचायत की अस्थल सीट को लेकर है, जहां से भाजपा ने वीरिसंह चौहान को समर्थन दिया है।
गौरतलब हो कि भाजपा समर्थित वीर सिंह चौहान के खिलाफ किशन सिंह नेगी चुनाव लड़ रहे हैं, जिन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्कासित कर दिया गया है। चर्चा है कि किशन सिंह नेगी काऊ के समर्थक हैं और भाजपा समर्थित प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं।इतना ही नहीं सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि पंचायत चुनाव में उमेश शर्मा काऊ किशन सिंह नेगी के समर्थन में खुल कर प्रचार कर रहे हैं।
इस ऑडियो प्रकरण में उमेश शर्मा काउ का पक्ष भी जानने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया वहीं भाजपा नेताओं में भाजपा के प्रदेश महामंत्री और राजपुर विधायक खजान दास ने प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के बयानों के अनुसार ही ऑडियो के परीक्षण की बात कही।
वहीं दूसरी तरफ प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब काऊ को तीन दिन के भीतर प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को सौंपना है। नोटिस में यह भी लिखा गया है कि अगर तीन दिन में जवाब नहीं दिया गया तो माना जाएगा आपको अपने पक्ष में कुछ नहीं कहना है और इसके बाद पार्टी अगला कदम उठाएगी।