LAW & ORDERs

वादों, मुकदमों की सुनवाई शनिवार के अतिरिक्त प्रत्येक दिन की जायेगी

कोविड -19 के प्रभाव से बैंकिंग एवं फाईनेंस इत्यादि से संबंधित मामलों की बढ़ गई है अधिकता 

कोई भी व्यक्ति जन उपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों का निस्तारण स्थायी लोक अदालत, देहरादून में दायर कर सकता है वाद

देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । अध्यक्ष स्थाई लोेक अदालत देहरादून ने अवगत कराया है कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के आदेश के अनुपालन में स्थायी लोक अदालत, देहरादून में वादों, मुकदमों की सुनवाई शनिवार के अतिरिक्त प्रत्येक दिन की जायेगी। उन्होने पक्षकार, अधिवक्ताओं को यह सूचित किया है कि स्थायी लोक अदालत, देहरादून के कार्यालय में अपने वादों, मुकदमों की नियत तिथि मालूम कर सकते हैं।
उन्होंने सभी अधिवक्ताओं और वादकारियों को सूचित किया कि न्यायालय में सभी को मास्क लगाना एवं सामाजिक दूरी का पालन करना आवश्यक है, इसके अतिरिक्त न्यायालय कक्ष में सैनिटाइजर की व्यवस्था की गयी है, जहां पर अधिवक्ताध्वादकारी अपने आप को सैनिटाइज कर सकते है। कोविड 19 वैश्विक महामारी के दौरान आमजन के समक्ष जन उपयोगी (पब्लिक यूटिलिटी सर्विस) सेवाओं जैसे बैंकिंग एवं फाईनेंस इत्यादि से संबंधित मामलों की अधिकता बढ़ गयी है, जिस कारण आम जन को बहुत से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति जन उपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों का निस्तारण स्थायी लोक अदालत, देहरादून में वाद दायर कर बिना किसी कोर्ट फीस व बिना किसी विधिक जटिलताओं के सुलभ व सुचारू रूप से करा सकता है। उन्होंने बताया कि स्थाई लोक अदालत का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा -22 बी के अन्तर्गत किया गया है। जनपद देहरादून मे स्थाई लोक अदालत, द्वितीय तल, फौजदारी न्यायालय परिसर, जिला एंव सत्र न्यायालय, देहरादून में स्थित है।
स्थाई लोक अदालत में द्वारा निपटाये जाने वाले मामलो  में सभी पब्लिक यूटीलिटी सर्विस (उपयोगिता सेवा) से सम्बधित मामले जिनका मूल्याकंन एक करोड़ रूपये तक है तथा जिन्हें किसी भी न्यायालय के समक्ष दायर नही किया गया है, स्थायी लोक अदालत द्वारा निपटाये जाते है। सभी फौजदारी शमनीय मामले जिन्हें अभी तक किसी न्यायालय के समक्ष दायर नही किया गया है। अर्थात जो अपराध की श्रेणी में नहीं आते है। स्थाई लोक अदालत द्वारा निम्नलिखित पब्लिक यूटीलिटी सर्विस (जनउपयोगी सेवाओं) से जुडे हुए वादों का ही निस्तारण किया जाता है, वायु, सड़क, रेल या जलमार्ग द्वारा यात्रियों या माल के वहन के लिए यातायात सेवा, डाक, तार या टेलीफोन सेवा, या ऐसा स्थापन जो जनता को विद्युत, प्रकाश या जल प्रदाय करता है, या लोक सफाई या स्वच्छता प्रणाली, या अस्पताल या औषधालय में सेवा, या बीमा सेवा। शैक्षिक या शैक्षणिक संस्थानो, या आवास और भू- सम्पदा सेवा, बैंकिग एंव फाइनेंस सेवा। स्थायी लोक अदालत के क्या-क्या फायदे है स्थायी लोक अदालत में साधारण प्रार्थना पत्र देकर वाद दायर किया जा सकता है। इस अदालत में कोई न्यायशुल्क नहीं लगता है और प्रार्थी स्वंय भी वाद दायर कर सकता है।स्थायी लोक अदालत के प्रत्येक अधिनिर्णय को सिविल न्यायालय की डिक्री समझा जाता है। स्थायी लोक अदालत द्वारा निपटाये गये मामलों में अपील नहीं की जाती। अधिक जानकारी के लिए संपर्क दूरभाष नम्बर पर 0135-2720275 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

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