Uttarakhand

प्रतिबंधित 434 दवाओं की बिक्री पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

  • श्वेता मासीवाल ने इस मामले में जनहित याचिका पर हाई कोर्ट का निर्देश 
  • 18 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रतिबंधित दवाओंआदि  पर लगी रोक  
  • सरकार को दुकानों में स्टॉक को पुलिस की मदद से नष्ट करने के निर्देश 
  • चार सप्ताह के भीतर ड्रग्स नारकोटिक्स स्क्वाड गठन करने के निर्देश

NAINITAL : केंद्रीय औषधि नियंत्रक बोर्ड से प्रतिबंधित सभी 434 दवाओं की बिक्री पर नैनीताल हाई कोर्ट ने पूरी तरह रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सरकार को अहम दिशा निर्देश जारीकरते हुए सरकार को दुकानों में उपलब्ध स्टॉक को पुलिस की मदद से नष्ट करने व शिक्षण संस्थानों में ड्रग कंट्रोल क्लबों का गठन करने के भी निर्देश दिए हैं। यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की संयुक्त खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए दिए । 

गौरतलब हो कि रामनगर निवासी स्वेता मासीवाल ने इस मामले में जनहित याचिका दायर करते हुए कहा था कि प्रदेश में नशे का कारोबार खूब फलफूल रहा है। आम आदमी के साथ ही बच्चे भी इसकी चपेट में आ गए हैं। इससे उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है। संयुक्त खंडपीठ ने मामले में सुनवाई के बाद केंद्रीय औषधि नियंत्रक बोर्ड के स्तर से प्रतिबंधित सभी 434 दवाओं की बिक्री पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है।

अदालत ने कहा है कि राज्य के किसी भी मेडिकल स्टोर में उपलब्ध इन प्रतिबंधित की गयी दवाओं को कंपनी को वापस कर दिया जाए अथवा पुलिस की मदद से उसे नष्ट करने की कार्रवाई की जाए। नशे को रोकने के लिए सभी शिक्षण संस्थानों, संस्थानों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों में  ड्रग्स कंट्रोल क्लब खोलने के आदेश दिए है। इन क्लबों के अध्यक्ष निदेशक उच्च शिक्षा होंगे और नोडल अधिकारी निदेशक विद्यालयी शिक्षा होंगे। 

वहीँ हाई कोर्ट  नैनीताल ने किशोर न्याय अधिनियम की धारा 77 जे का विस्तार कर दिया है। इसके तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों को नशे के उपयोग में आ सकने वाली प्रतिबंधित दवाइयां, मादक पदार्थ और ऐसी अन्य सामग्री की बिक्री पर भी रोक लगा दी है। प्रदेश की जेल में लाए जा रहे कैदियों की नारकोटिक्स की जांच के भी निर्देश दिए हैं।

अदालत ने कहा है कि राज्य के जिलों की सीमाओं पर ड्रग्स की जांच करने के लिए स्पेशल टीम गठित की जाए। इसके लिए सरकार को तीन सप्ताह का समय दिया है। इसके साथ ही चार सप्ताह के भीतर ड्रग्स नारकोटिक्स स्क्वाड गठन करने के भी निर्देश दिए हैं। अदालत ने सरकार को प्रदेश के प्रत्येक जिले में नशा मुक्ति केंद्र खोलने के आदेश दिए हैं। 

केंद्रीय औषधि नियंत्रक बोर्ड से घोषित प्रतिबंधित दवाओं में पैरासिटामोल, सिट्राजिन, टेराफिनाडीन, डीकोल्ड टोटल, सेरीडॉन, फिंसाडीन, डोवर्स पावडर व टेबलेट, कॉम्बीफ्लेम, डाईक्लोफिन सहित अन्य दवाएं शामिल हैं।

 

 

devbhoomimedia

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