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राष्ट्रपति ने दी सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण बिल को मंजूरी

  • आर्थिक रूप से पिछड़े 10 फीसद मिलेगा आरक्षण 
  • आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नई दिल्ली । आर्थिक रुप से पिछड़े लोगों 10 फीसद आरक्षण देने के विधेयक पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर कर अपनी मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दस फीसद आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है। एक जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। 

गौरतलब हो कि  सामान्य वर्ग के आर्थिक रुप से पिछड़े लोगों को नौकरी में 10 फीसदी आरक्षण बिल को कैबिनेट ने सात जनवरी को मंजूरी दी थी। जिसके बाद आठ जनवरी को इसके लिए लोकसभा में संविधान का 124वां संशोधन विधेयक 2019 पेश किया गया। लोकसभा में इस बिल के समर्थन में 323 वोट पड़े जबकि इस बिल के विपक्ष में 3 सदस्यों ने मतदान किया। 

वहीं बुधवार को देर रात राज्यसभा ने सात के मुकाबले 165 वोट से पारित किया था। राज्य सभा ने बुधवार को 124वें संविधान संशोधन विधेयक को सात के मुकाबले 165 मतों से पारित किया था। सदन ने विपक्षी सदस्यों के पांच संशोधनों को अस्वीकार कर दिया।

वहीं दूसरी तरफ सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण के खिलाफ बीते दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट में 124वें संविधान संसोधन को चुनौती दी गई है। यह याचिका यूथ फॉर इक्वॉलिटी और वकील कौशलकांत मिश्रा की ओर से दाखिल की गई है। इनके मुताबिक आरक्षण का आधार आर्थिक नहीं हो सकता। याचिका के मुताबिक विधयेक संविधान के आरक्षण देने के मूल सिद्धांत के खिलाफ है, यह सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण देने के साथ-साथ 50% के सीमा का भी उल्लंघन करता है। गौरतलब है कि यह विधेयक सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देता है।

आरक्षण का फायदा चाहिए तो तैयार रखें ये दस्तावेज

  • आधार कार्ड: आधार कार्ड भारतीय नागरिक होने की पहचान है। इसे नौकरी में अनिवार्य कर दिया गया है।
  • पैन कार्ड: वर्तमान में पैन कार्ड भी सभी नौकरी और सेवाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।
  • आय प्रमाण-पत्र: आरक्षण आर्थिक आधार पर है इसलिए माता-पिता की आय का प्रमाण-पत्र बनवाना होगा।

किसे मिलेगा लाभ

  • ऐसे परिवार, जिसकी सालाना आय आठ लाख या उससे कम होगी।
  • जिनके पास पांच एकड़ या उससे कम कृषि योग्य भूमि है।
  • ऐसे परिवार जिनके पास एक हजार वर्ग फीट या उससे कम का फ्लैट है।
  • अधिसूचित नगरीय क्षेत्र में जिनके पास 109 गज का प्लॉट है।
  • गैर-अधिसूचित नगरीय क्षेत्र में 209 या उससे कम का प्लॉट है।
  • जो अभी तक किसी भी तरह के आरक्षण के अंतर्गत नहीं आते थे

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