23 दिसंबर के बाद कभी भी हो सकती है विधानसभा चुनाव की अधिसूचना !
सूबे के कुछ स्थानों पर पहली बार प्रयोग होगी वीवी पैट मशीन
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : 23 दिसम्बर के बाद प्रदेश में कभी भी चुनाव आचार संहिता लागू हो सकती है। चुनाव आयोग की भी सभी तैयारियां अंतिम चरण में हैं इसी को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अब सूबे में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरु हो गई है वहीँ भारत सरकार का निर्वाचन आयोग चुनाव की तैयारी को लेकर पूरा रोडमैप बना चुका है। अब प्रदेश में चुनाव की तारीख को लेकर आयोग में विचार विमर्श चल रहा है कि आखिर कौन सा मौसम उपयुक्त रहेगा।
प्रदेश के सियासी गलियारों में अब इस बात की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है कि आखिर विधान सभा चुनाव के तारीख की घोषणा कब होगी। प्रदेश में चुनाव आचार संहिता कब लागू होगी. निर्वाचन आयोग के सूत्रों का कहना है कि 23 दिसम्बर के बाद प्रदेश में कभी भी चुनाव आचार संहिता लागू हो सकती है।
गौरतलब हो कि इससे पहले वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव की अधिसचूना भी 24 दिसम्बर को जारी हुई थी. मुख्य निर्वाचन अधिकारी का भी कहना है कि चुनाव की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। ऐसे में राजनीतिक दलों के साथ निर्दलीय प्रत्याशियों की धड़कनों का बढ़ना भी लाजिमी है। फिलहाल प्रदेश के 10 हजार 854 पोलिंग बूथ पर मतदान होना है।
इस बार चार विधानसभा क्षेत्रों में वीवी पैट मशीन का इस्तेमाल होगा. इससे मतदाता देख सकेंगे कि उन्होंने किस प्रत्याशी को अपना मत दिया है। वीवी पैट मशीन का इस्तेमाल दून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर के जिलों में की जायेगी।
इस बार चुनाव आयोग सूचना प्रौद्योगिकी का पूरा इस्तेमाल करने की योजना बना चुका है इसके बाद राजनीतिक पार्टियां निर्वाचन आयोग से स्टार प्रचारकों, जनसभाओं और रैलियां के लिए ऑन लाइन परमिशन लेने की योजना बनायीं है। वही इसके बाद अब मतदाता भी आयोग से ऑन लाइन अपनी शिकायतें को भी दर्ज करा सकते हैं।
राधा रतूड़ी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि चुनाव की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है। प्रदेश भी अब चुनावी जंग के मुहाने पर पहुंचने जा रहा है।राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि जिन दलों या निर्दलीय प्रत्याशियों को चुनावी जंग में अपनी किस्मत आजमानी है. उनके पास अभी चुनावी रणनीति बनाने का करीब 20 दिन का वक्त ही शेष बचा है।
फिलहाल जिस तरह से निर्वाचन आयोग की तैयारी चल रही है इससे साफ है कि प्रदेश अब चुनावी जंग के लिए तैयार हो चुका है। अब पूरे प्रदेश की नज़रे निर्वाचन आयोग पर टिंकी है कि आयोग प्रदेश में चौथे विधान सभा चुनाव की तारीख का आखिर कब ऐलान करता है।