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कांग्रेस के क्वॉरेंटाइन केंद्रों पर सियासत : भाजपा ने दिया जवाब

क्वॉरेंटाइन केंद्रों में मारे जा रहे लोगों के परिवारों को सरकार तत्काल दस लाख का  मुआवजा देः प्रीतम सिंह

आखिर क्यों छिपाई जा रही है  काबिना मंत्री सतपाल महाराज की यात्रा हिस्ट्री 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

कांग्रेस नेताओं की मानसिकता भी लॉक डाउन से ग्रसित हो गईः अजेंद्र

देहरादून । भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अजेंद्र अजय ने कांग्रेस नेताओं द्वारा लगातार की जा रही अनाप-शनाप बयानबाजी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि ऐसा आभास हो रहा है कि कांग्रेस नेताओं की मानसिकता भी लॉक डाउन से ग्रसित हो गई है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता बेसिर-पैर के मुद्दों को उठा रहे हैं और केंद्र व प्रदेश सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस के लोग पहले प्रवासियों की घर वापसी को लेकर हो-हल्ला मचा रहे थे। प्रदेश सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में प्रवासियों की चरणबद्ध ढंग से सुरक्षित घर वापसी की, तो अब कांग्रेस के लोग प्रवासियों के कारण कोरोना संक्रमण बढ़ने के मुद्दे पर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेसियों में इतना आकलन करने की क्षमता भी नहीं है, कि वह यह अनुमान लगा सकते कि प्रवासियों की घर वापसी पर संक्रमण की दर बढ़ेगी?
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी तरह की परिस्थितियों का आंकलन कर अपनी तैयारियां पूरी रखी हैं और प्रदेश सरकार हर तरह की स्थितियों से निपटने में सक्षम है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं द्वारा लगातार विभिन्न लोगों को पैकेज दिए जाने की मांग को बचकानी बात बताई। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेसी आम जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित एक लाख सत्तर हजार करोड़ की गरीब कल्याण योजना और 20 लाख करोड रुपए के आत्मनिर्भर भारत योजना में सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखा गया है। केंद्र सरकार ने लॉक डाउन के कारण उपजी परिस्थितियों के मद्देनजर सभी वर्गों के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं  शुरू की हैं। इसी प्रकार प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार द्वारा भी विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने इस बात पर गहरी नाराजगी का इजहार किया है जिसमें राज्य के गांव में बने क्वारंटाईन  केंद्रों में पिछले 15 दिनों मे आधा दर्जन से ज्यादा निर्दोष लोगों की मौते हो गई है लेकिन सरकार है कि उसने एक भी मृत व्यक्ति के परिवार को 1 रु भी मुआवजा देना उचित नहीं समझा है। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से कहा  कि यह निश्चित तौर पर सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह जिन लोगों को उनकी जीवनरक्षा के लिए राज्य के विभिन्न स्थानों में क्वरन्टाईन केंद्रों में भेज रही थी,वहां बजाय उनकी रक्षा होती उल्टा वे वहां पर सरकारी तत्रं की लापरवाही के चलते ,काल के ग्रास बन गए।
 उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुख और खेद का विषय है कि निर्दोष लोगों की जीवन की रक्षा तो हम कर ही नहीं पाए परंतु जब उनकी गाहे-बगाहे मौत हो ही गई है तो भी सहायता और दुख वह दिलासे के नाम पर, गुजरे हुए लोगों के परिवारों को सरकार 1 रु भी देने को तैयार नहीं है। उन्होंने सरकार की नैतिक जिम्मेदारी  पर सवाल उठाते हुए  मुख्यमंत्री से कहा अब लगातार दिन प्रतिदिन समय बढ़ता जा रहा है और मृतकों की भी संख्या भी क्वारंटाईन रकेंद्रों में  दिनोदिन बढती जा रही है, परंतु सरकार है कि मूकदर्शक बनी हुई है, जो कि किसी भी दृष्टि से क्षम्य नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा की वे कठिनाई के दौर में सरकारी उदारता का  परिचय देते हुए आगे आए और तत्काल मृतकों के परिवारों को दस लाख रु की आर्थिक सहायता पहुंचाएं जिससे उन्हें कम से कम यह तो आभास हो कि सरकार दुख की घड़ी में उनके साथ खड़ी है।
कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने राज्य के तमाम क्वॉरेंटाइन केंद्रों के निरीक्षण के लिए सरकार से ष्औचक निरीक्षण दलोंष् के गठन की भी मांग की है। उन्होंने कहा है कि कई जगह ऐसे मामले सामने आए हैं जहां पर क्वारंटाईन किए गए लोगों की देखभाल में गंभीर लापरवाही बरती गई और लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। उन्होंने बेतालघाट में एक 4 वर्षीय बेटी के निधन पर गहरी नाराजगी का इजहार करते हुए कहा कि यह घटना राज्य के माथे पर कलंक है, जिसमें छोटे से अबोध बच्चे  को सांप ने अपना निवाला बना लिया और सरकार आज तक भी हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है  और सरकारी सहायता का दूर-दूर तक कहीं कोई नाम नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में बातचीत के दौरान पत्रकारों द्वारा सरकार के माध्यम से काबिना मंत्री सतपाल महाराज की यात्रा हिस्ट्री छुपाने के आरोप पर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि यदि इसमें सत्यता है कि किसी भी व्यक्ति की ट्रैवल हिस्ट्री की सत्यता छुपाई गई है तो यह प्रशासन एवं जांच ऐजेंसियों की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल है।
उन्होंने कहा कि इस महामारी की जंग में हर व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह अपनी यात्रा विवरण पारदर्षिता के साथ प्रषासन को उपलब्ध कराये। कोरोना जैसी महामारी में नियम कानून सभी लोगों के लिए एक समान होने चाहिए, ऐसे में यदि कहीं प्रषासन से चूक हुई है तो यह गम्भीर विषय है।

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