छोटी शिकायतों को लेकर लोगों को डीएम से लेकर सीएम तक आना पड़े : त्रिवेन्द्र रावत

सीएम ने की समाधान पोर्टल पर दर्ज शिकायतों की समीक्षा
मुख्यमंत्री ने स्वंय भी कई शिकायतकर्ताओं से फोन पर बात कर अधिकारियों के दावों की पुष्टि की
देहरादून । ब्लॉक और तहसील स्तर की समस्याएं यदि डीएम तक पहुंचे, तो डीएम को सोचना चाहिए कि उनके अधीनस्थ अधिकारी क्या कर रहे है? उन्होंने जिलाधिकारियों को दो टूक कहा कि अपने अधीनस्थ जनपदीय अधिकारियों में जनता के प्रति जवाबदेही की संस्कृति विकसित करें। छोटी-छोटी शिकायतों को लेकर लोगों को डीएम से लेकर सीएम तक आना पड़े, यह स्थिति स्वीकार नहीं की जाएगी। जनपदों में शिकायत निवारण तंत्र मजबूत किया जाए। सरकारी तंत्र को हर दिन 24 घंटे जनता की समस्याओं के प्रति जवाबदेह होना पड़ेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वंय कई शिकायतकर्ताओं से फोन पर बात कर अधिकारियों के दावों की पुष्टि की। अल्मोड़ा के प्रकरण में विधवा पेंशन नहीं मिलने की शिकायत पर शिकायतकर्ता से बात न हो पाने पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को किसी जिम्मेदार अधिकारी को मौके पर भेज स्थिति का पता करने को कहा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में समाधान पोर्टल पर दर्ज शिकायतों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश के सभी जनपदों के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे। समाधान पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों की सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि जनपद स्तर पर लोगों की समस्याओं की सुनवाई जनपद स्तर पर ही होनी चाहिए।
बीना थापा ने देहरादून से शिकायत की थी कि उन्हें विधवा पेंशन निरंतर नहीं मिल रही है, जिस पर डीएम ने बताया कि उनका समाधान हो गया है। मुख्यमंत्री ने स्वंय श्रीमती बीना थापा से बात कर इसकी पुष्टि की। मोहम्मद उस्मान ने उधम सिंह नगर से शिकायत की है कि उनके ग्राम बाबर खेड़ा में नालों की सफाई नहीं होती है ,जिस कारण बच्चे बीमार हो रहे हैं। जिलाधिकारी ने बताया की नालो की सफाई करा दी गई है। राहुल जोगिया ने उत्तरकाशी से शिकायत की थी कि उन्होंने अपना डिप्लोमा कोर्स 2013- 2016 में पूरा किया तथा उन्हें प्रथम वर्ष की छात्रवृत्ति अभी तक नहीं मिली है, जबकि उनके द्वारा सभी दस्तावेज जमा कर दिए गए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि कालेज द्वारा छात्रवृति की मांग समय पर नही की गई जिसके कारण बजट लैप्स हो गया। राहुल सहित 11 छात्रों का प्रकरण है और इसमें शासन से बजट मांगा गया है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने राहुल से फोन पर बात कर उन्हे आश्वस्त किया।
पूर्णचंद्र जोशी ने चंपावत से शिकायत की कि टनकपुर डिपो रोडवेज की बसें किच्छा बस स्टैंड पर नहीं आती है, बसें बाईपास रूट से जाती है, जिसके कारण यात्रियों को असुविधा होती है। जिस पर जिलाधिकारी ने आवश्यक कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया। बागेश्वर से श्री ललित मोहन सिंह ने शिकायत की थी कि उनके क्षेत्र पलारी छीना में बिजली के खंभे झुके हुए हैं तथा इन झुके हुए खंभों पर ट्रांसफार्मर लगे हैं, इस कारण कभी भी कोई दुर्घटना क्षेत्र में घट सकती है। बताया गया कि शिकायत मार्च की है तथा मई में खंभों को बदल दिया गया है। मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग को पूरे प्रदेश में ऐसे प्रकरणों पर गंभीरता से कार्यवाही करने के निर्देश दिये। हरिद्वार से अनिल श्रीवास्तव ने शिकायत की थी कि बंगाली कॉलोनी ज्वालापुर में बिजली के तारों की हालत बहुत खराब है। एक फेज तार से ही सप्लाई होने से पूरी कॉलोनी में लाइट की बहुत कम वोल्टेज आती है। जिलाधिकारी ने बताया कि समस्या का समाधान हो गया है। मुख्यमंत्री ने श्री अनिल से बात कर इसकी पुष्टि भी की।
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय टिहरी से वीरेंद्र सिंह ने शिकायत की है कि 2016 के अंतिम वर्ष की मार्कशीट और डिग्री का वितरण अभी तक नहीं किया गया है। बताया गया कि मार्कशीट दे दी गई है। लाल कुआं नैनीताल में बिना अनुमति के कुछ स्टोन क्रशर चलने की शिकायत पर विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सभी को अनुमतियां प्रदान की गई है। श्री हेम वर्मा ने हरिद्वार से शिकायत की है कि घरों से निकले कूड़े की अवैध डंपिंग की जा रही है जिससे क्षेत्र में गंदगी फैल रही है तथा मच्छर उत्पन्न हो रहे हैं, साथ ही आसपास के दुग्ध पालक, जानवरों का ठोस अपशिष्ट भी मैदानों में खुला छोड़ देते हैं। इस पर मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी को एण्टी लिटरिंग और एण्टी स्पिटिंग एक्ट के अन्तर्गत चालान करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री एस0 रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव मुख्यमंत्री अमित नेगी, राधिका झा, अपर सचिव मुख्यमंत्री डा0 मेहरबान सिंह बिष्ट, ललित मोहन रयाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
सीएम किसानों, उद्यमियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों, महिलाओं से करेंगे नियमित संवाद
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत शीघ्र ही प्रदेश के सभी जनपदों के किसानों, उद्यमियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों, युवाओं एवं महिलाओं से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से नियमित संवाद प्रारंभ करने जा रहे है। मुख्यमंत्री ने यह जानकारी बुधवार को सचिवालय में सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करते समय दी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि आगामी 9 अगस्त को भारत छोडो आंदोलन के 75 वर्ष होने पर सभी जनपदों के हाईस्कूल-इण्टरमीडिएट के छात्र-छात्राओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वार्ता करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार में आम आदमी की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिये उनसे नियमित संवाद जरूरी है। समाज के सभी कर्णधारों के विचारों एवं सुझावों का लोकतंत्र की मजबूती में बड़ा योगदान है। इसके लिये जनपदों में ब्लॉक और तहसील स्तर पर स्थापित वीडियो कांफ्रेंसिंग नेटवर्क का उपयोग किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को भारी वर्षा की चेतावनी के बीच अलर्ट रहने को कहा। उन्होने कहा कि मौसम विभाग ने ‘टेक एक्शन‘ मोड में तैयार रहने को कहा है। किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही बर्दाश्त नही की जायेगी। लापरवाह कार्मिकों के खिलाफ एक्शन लेने में कोई कोताही न बरतें। उन्होंने सभी सड़क मार्गो पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिये। सड़कां को खोलने और उनकी मरम्मत में कतई देरी न की जाय। लोगों को 24 घण्टों के भीतर मुआवजा दिया जाय। वर्षाजनित रोगों के लिये डीएम पूरी तैयारी रखें। चिकित्सक और औषधियां उपलब्ध रहें।
डी एम किसानों तथा बैंकों के बीच सकारात्मक भूमिका निभाएं
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सभी जिलाधिकारियों को ऐसे किसानों और लघु उद्यमियों का विशेष ध्यान रखने को कहा है जिन्हांने बैंक से लोन लिया हो और फसल या व्यवसाय के नुकसान के कारण लोन न चुका पा रहे हों। उन्हांने कहा कि सभी जिलाधिकारी जनपदीय बैंकर्स समितियों में इस तरह के प्रकरणों पर खास ध्यान दें और किसानों तथा बैंको के बीच सकारात्मक भूमिका निभाएं।
उन्होंने कहा कि जनपदों में छोटे किसानों, लघु उद्यमियों को कर्ज के जाल में फंसने नहीं देना है, उनके साथ खड़ा रहकर उनकी मदद करनी है। किसानों की आय बढ़ाने में सहायता करनी है। प्रगतिशील किसानों और उद्यमियों के साथ बैठकर उनकी सफलता की कहानियो को बड़े जनमानस तक पहुंचाना है। सभी जनपदस्तरीय अधिकारियों को इसके लिये सामूहिक प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सभी जिलाधिकारी जनपदां में कृषि औद्यानिक क्षेत्र में कलस्टर के रूप में इकाई विकसित करें। गांवों के लोगों को उपलब्ध सरकारी योजनाओं के अन्तर्गत तकनीकि, आर्थिक मदद दिलवाएं। सरकारी तंत्र को खेती और किसानों के लिये प्रो एक्टिव बनाएं। सरकार छोटे किसानों के लिये 02 प्रतिशत ब्याज पर एक लाख रूपये तक के ऋण की योजना ला रही है। उन्होने कहा कि कृषि विभाग के साथ सभी विकास विभाग अपनी योजनाओं का लाभ गांवो तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।