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Big News: न्यूज़ पोर्टल की भीड़ में पनप रहे फर्जी पत्रकार पत्रकारिता से लेना-देना नहीं

Big News: Fake journalists flourishing in the crowd of news portals have nothing to do with journalism

Dehradun: सोशल मीडिया के माध्यम से न्यूज़ पोर्टल की भीड़ बढ़ने के साथ ही ब्लैकमेलर पत्रकारों का एक कुनबा उत्तराखंड में तैयार हो रहा है। पत्रकारिता से दूर-दूर का नाता ना रखने वाले इन फर्जी पत्रकारों ने रंगदारी और ब्लैक मेलिंग के धंधे में हाथ डाल दिया है।

भोले-भाले कुछ लोग जाल में फंसते जरूर है लेकिन कई बार ऐसे फर्जी पत्रकारों को लेने के देने भी पड़ जाते हैं।
देहरादून के थाना पटेल नगर क्षेत्र में फर्जी पत्रकारों की एक ऐसी ही “गैंंग” पकड़ी गई है जिनका पत्रकारिता से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है, लिहाजा इन लोगों ने न्यूज़ पोर्टल खोलकर ब्लैक मेलिंग का खेल चला रखा है।

पटेल नगर पुलिस ने एक महिला पत्रकार समेत 4 लोगों के खिलाफ (IPC 147/323/384 के तहत) मुकदमा दर्ज किया है जो पटेल नगर क्षेत्र में खुलने जा रहे एक कॉल सेंटर मालिक को धमकाने के लिए पहुंचे थे और अपनी औकात से कहीं बढ़कर 50 लाख रुपए की डिमांड कर बैठे।

बाद में मामला पांच लाख में सेटल हुआ लेकिन इसी दौरान कॉल सेंटर संचालक ने पटेल नगर पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी। पुलिस ने पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू की जिसमें चार फर्जी पत्रकारों के साथ एक महिला भी नामजद की गई है जबकि एक अन्य कथित महिला पत्रकार फरार है।

उत्तराखंड में पनप रहे हैं ब्लैकमेलर पत्रकार
असल में पूरे उत्तराखंड में इन दिनों ऐसे पत्रकारों की एक गैंंग पल रही है जो पोर्टल के माध्यम से उगाही का खेल चला रहे हैं। इन कथित पत्रकारों को पत्रकारिता के मानकों और गरिमा से कुछ लेना देना नहीं है और यदा-कदा अधिकारी वर्ग भी ऐसे पत्रकारों के रूवाब से प्रभावित होते देखे गए हैं।

न्यूज़ पोर्टल को लेकर सूचना विभाग उठाए कठोर कदम
जब तक राज्य सरकार एवं उत्तराखंड सूचना एवं लोक संपर्क विभाग न्यूज़ पोर्टल के संचालन को लेकर कोई नीति नियम निर्धारित नहीं करेगा तब तक इस प्रकार का फर्जीवाड़ा चलता ही रहेगा। ऐसे ब्लैकमेलर पत्रकारों के कारण ईमानदारी एवं नैतिक मूल्यों के साथ कार्य करने वाले पत्रकारों की छवि भी धूमिल हो रही है।

 

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