उत्तराखंड समेत 18 राज्यों के लिए गठित मॉनीटरिंग कमेटी के अध्यक्ष बने डॉ. रावत
कमेटी में भी वैज्ञानिकों, वन विदों, जैवविविधता विशेषज्ञों को किया गया है शामिल
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय देश में जैव विविधता अधिनियम को गंभीरता से धरातल पर उतारने की दिशा में सक्रिय हो गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सख्त रुख के बाद मंत्रालय ने इस अधिनियम के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में पीपुल्स बायोडायवर्सिटी रजिस्टर (पीबीआर) की मॉनीटरिंग को देश के कई राज्यों के वन विशेषज्ञों सहित वैज्ञानिकों को शामिल करते हुए दो कमेटियां गठित की हैं।
उत्तराखंड समेत 18 राज्यों के लिए गठित मॉनीटरिंग कमेटी के अध्यक्ष पद का जिम्मा उत्तराखंड के सेवानिवृत्त प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) डॉ. आरबीएस रावत को सौंपा गया है। दूसरी कमेटी का अध्यक्ष केरल के पूर्व पीसीसीएफ डॉ.एसके खंडूड़ी को बनाया गया है। जैव विविधिता अधिनियम के अंतर्गत ग्राम पंचायतों, नगर निकायों में बायोडायवर्सिटी मैनेजमेंट कमेटी (बीएमसी) का गठन अनिवार्य है। इसके तहत वहां पीपुल्स बायो डायवर्सिटी रजिस्टर भी तैयार होने हैं, जिसमें संबंधित पंचायत और निकाय के जैव संसाधन, इसके उपयोगकर्ता, संरक्षण में लगे लोगों समेत अन्य ब्योरा होगा। एक्ट में प्रविधान के बावजूद राज्यो में बीएमसी और पीबीआर बनाने की रफ्तार धीमी है।
पूर्व में यह मामला एनजीटी में गया। इस पर एनजीटी ने केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। इस कड़ी में मंत्रालय ने देशभर में पीबीआर की मॉनीटरिंग को दो कमेटियां गठित की हैं। उत्तराखंड के साथ ही अरुणांचल प्रदेश, असोम, बिहार, हिमाचल, झारखंड, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष का जिम्मा उत्तराखंड के पूर्व पीसीसीएफ डॉ. आरबीएस रावत को सौंपा गया है।
कमेटी के सदस्यों में त्रिपुरा के पूर्व पीसीसीएफ डॉ.एके गुप्ता, केरल के पूर्व पीसीसीएफ आरआर शुक्ला, पूर्व पीसीसीएफ अरक्कल अशरफ, नेशनल ब्यूरो आफ एनिमल जेनिटिक रिसोर्स के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ.पीके सिंह, बीएसआई के पूर्व निदेशक डॉ. एम संजप्पा और कपूरथला साइंस सिटी की डीजी डॉ.नीलिमा जेरथ शामिल हैं।
डॉ. रावत के अनुसार इस कमेटी का कार्यकाल दो वर्ष का है। आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडू, मध्य प्रदेश, ओड़िसा, गोवा, अंडमान एवं निकोबार, दादर एवं नगर हवेली, दीव एवं दमन, लक्षद्वीप और पुडुचेरी के लिए गठित कमेटी का जिम्मा केरल के पूर्व पीसीसीएफ डॉ.एसके खंडूड़ी को सौंपा गया है। इस कमेटी में भी वैज्ञानिकों, वन विदों, जैवविविधता विशेषज्ञों को शामिल किया गया है।