COVID -19UTTARAKHAND
प्रदेश में आठवीं तक के स्कूल खोलने पर भी सहमत नहीं अभिभावक
रायशुमारी में 50 से 60 फीसदी अभिभावकों ने नौवीं से 12 वीं तक की कक्षाओं को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने पर सहमत!
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : कोरोना संक्रमण को देखते हुए उत्तराखंड में छात्रों के अभिभावक बेसिक और जूनियर स्तर के स्कूलों को कोरोना पर पूर्णतः नियंत्रण न होने तक स्कूलों को पूरी तरह से बंद रखने के पक्ष में हैं यानि वे किसी भी तरह का रिस्क लेने को तैयार नहीं हैं। प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला स्तर पर अभिभावक और स्कूलों से रायशुमारी में अभिभावकों का यह विचार सामने आया है।
गौरतलब हो कि प्रदेश के नौ जिलों में अधिकारियों ने जब अभिभावकों से रायशुमारी की तो 50 से 60 फीसदी लोगों ने नौवीं से 12 वीं तक की कक्षाओं को 50 प्रतिशत क्षमता और सुरक्षा के साथ शुरू करने पर सहमति दी है। जबकि अभी देहरादून, टिहरी समेत पांच अन्य जिलों में रिपोर्ट को अभी अंतिम रूप दिया जाना है।
इन जिलों में अभिभावकों ने कुछ ऐसे व्यक्त की अपनी राय …….
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चमोली : जिले के 60 फीसदी अभिभावक 50 फीसदी क्षमता के साथ रोटेशन के अनुसार नौवीं से 12 वीं की कक्षाएं खोलने पर सहमत हैं।
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पौड़ी: अभिभावक स्कूल खोले जाने पर एक राय नहीं है। कुछ अभिभावकों ने ही नौवीं से 12 वीं तक की कक्षाएं शुरू करने पर सहमति दी।
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रुद्रप्रयाग: 9 से 12 वीं तक के स्कूल खोलने के लिए 80 फीसदी अभिभावक तैयार हैं।
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अल्मोड़ा: 1100 में से 650 अभिभावकों ने नौवीं से 12 वीं तक ही स्कूल खोलने पर सहमति दी और कहा कि, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हों।
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नैनीताल: अभिभावक और स्कूलों ने नौवीं से 12 वीं तक की कक्षाएं 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने पर सहमति जताई है।
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बागेश्वर: अधिकांश अभिभावकों ने स्कूल खोलने से इनकार किया है। उन्होंने कहा, सुरक्षा की गारंटी पर ही वे अपने बच्चों को स्कूल भेजेंगे।
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पिथौरागढ़: 50 फीसदी अभिभावक ही 10 वीं और 12 वीं की कक्षा खोलने के प्रस्ताव के साथ हैं।
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रुद्रपुर: अभिभावकों ने 9 से 12 वीं तक की कक्षाएं 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने और छोटी कक्षाओं को बंद रखने पर जोर दिया है।
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चम्पावत: 60 फीसदी अभिभावक नवीं से 12 वीं तक की कक्षाएं खोलने पर सहमत हैं।