‘पैनिक बटन-जीपीएस नहीं’ तो कर्मिशल वाहन का ‘रजिस्ट्रेशन नहीं’
- यात्रियों से अभद्रता की शिकायत पर होगा प्रयोग
- यात्री वाहनों में पैनिक बटन और जीपीएस जरूरी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड राज्य में नए यात्री वाहनों में पैनिक बटन और ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाना जरूरी हो गया है। परिवहन विभाग का मानना है इसके बाद यात्री वाहनों में महिलाओं और बच्चियों से छेड़छाड़ की घटनाओं पर जहां रोक लग सकेगी वहीँ पर्वतीय इलाकों में दुर्घटनाग्रस्त वाहनों की सही स्थिति और नियमों के विपरीत सीमा से तेज़ गति से वाहन चलने वालों पर ब्रेक लग सकेगा। वर्ष 2019 की शुरुआत से ही परिवहन विभाग ने जिन वाहनों में पैनिक बटन और जीपीएस नहीं है, परिवहन विभाग ने उनका रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया है।
गौरतलब हो कि उत्तराखंड में एक लाख कॉमर्शियल बसों सहित टैक्सी और मैक्सी कैब पंजीकृत हैं। हर माह एक हजार से 1500 नए यात्री वाहनों का रजिस्ट्रेशन होता है। इन वाहनों में यात्रियों से अभद्रता की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की शिकायतें मिलती हैं। इसलिए सरकार ने यात्री वाहनों में पैनिक बटन और जीपीएस जरूरी किया। सहायक परिवहन आयुक्त एसके सिंह के अनुसार पैनिक बटन और जीपीएस नहीं होने पर नए कॉमर्शियल वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। जबकि जल्द ही पुराने पंजीकृत वाहनों पर इसे लगाने की अंतिम तारीख़ तय की जा रही है।
एआरटीओ देहरादून अरविंद पांडेय ने बताया कि पैनिक बटन आपात स्थिति में काम आएगा। कंट्रोल रूम और पुलिस के पास संदेश पहुंचने पर जीपीएस के माध्यम से वाहन की लोकेशन ट्रेस की जाएगी। यात्रियों से अभद्रता होने पर तत्काल कार्रवाई हो सकेगी। वाहन की गति का पता भी चल जाएगा।
पैनिक बटन परिवहन विभाग के कंट्रोल रूम से कनेक्ट होगा। भविष्य में इसे पुलिस के नंबरों से भी जोड़ने की योजना है। परिवहन विभाग ने बटन को कनेक्ट करवाने का काम एनआईसी को सौंप दिया है। एनआईसी विभाग साफ्टवेयर तैयार करके देगा। यदि कोई यात्री आपात स्थिति में पैनिक बटन दबाता है तो सीधे कंट्रोल रूम और पुलिस के नंबरों में अलार्म बज जाएगा।
वहीं सहायक परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने बताया कि अभी पैनिक बटन और जीपीएस नई पंजीकृत होने वाली सभी यात्री बस, टैक्सी और मैक्सी के लिए जरूरी है। इसमें रोडवेज, टीजीएमओ, जीएमओ, रूपकुंड यातायात समेत बाकी निजी कंपनियों की बस और टैक्सी-मैक्सी कैब भी शामिल हैं। ऑटो, रिक्शा और बिक्रम को इसमें छूट है। पैनिक बटन बस में दो मीटर के क्षेत्र में लगेगा। इसके बाद 42 सीटर बस में पांच बटन लगाने होंगे। बटन यात्री सीट के पास ही लगाए जायेंगे ताकि उनकी इस बटन तक आसानी से पहुंच हो।