पांडियन को मिली NH घोटाला खोलने की सज़ा
डेढ़ दर्जन से ज्यादा आईएएस अधिकारियों को ट्रांसफर
मलाईदार कुर्सियों के लिए हाथ पांव मार रहे अधिकारियों की मिली मलाईदार कुर्सियां
देहरादून : एनएच-74 घोटाले के जिन्न को फाइलों से बाहर निकालने वाले आईएएस अधिकारी डी सैंथिल पांडियन को घोटाला खोलने की सजा मिली है,सरकार ने कुमायूं कमिश्नर के पद से हटाते हुए उन्हें परिवहन विभाग का प्रभारी सचिव बनाया गया है। गुरुवार को जारी ट्रांसफर आदेश में सरकार ने सूबे की नौकरशाही में एक बार फिर भारी फेरबदल किया है। इस फेरबदल में सरकार ने करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा आईएएस अधिकारियों को इधर से उधर किया है। सबसे ज्यादा चौकाने वाली बात तो यह है कि घोटाले का पर्दाफाश करने वाले आईएएस अधिकारी को भाजपा सरकार ने वहाँ से हटा दिया है जहाँ भ्रष्टाचार हुआ था। सरकार की कार्यशैली से यह लगने लगा है कि भ्रष्टाचार पर जीरो की बात केवल जुमलों तक ही सिमित है।
गौरतलब हो कि सबसे पहले देवभूमि मीडिया डॉट कॉम ने ही बताया था कि सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर इस मामले में दर्ज एफआईआर और सीबीआई जांच के फैसले पर चिंता जता चुके हैं। और बीते दो दिन पहले जांच में फंसे नेशनल हाई वे के अधिकारियों ने नैनीताल उच्च न्यायालय में एक अर्जी देकर राज्य सरकार द्वारा सीबीआई जांच व FIR से अधिकारियों ने नाम हटाने की गुजारिश की है।
उल्लेखनीय है कि कुमाउं कमिश्नर रहते हुए सैंथिल पांडियन, जिन्होंने एनएच-74 घोटाले का पर्दाफाश किया था, उनके स्थान पर देहरादून के चंद्रशेखर भट्ट को नियुक्ति दी गई है। चंद्रशेखर वर्तमान में महादेशक सूचना के पद पर कार्यरत थे। अब उनकी जिम्मेदारी डा. पंकज कुमार पांडेय को दी गई है।
डी सैंथिल पांडियन से चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव की जिम्मेदारी भी वापस ली गई है। उन्हें परिवहन विभाग का प्रभारी सचिव बनाया गया है। सेंथिल के तबादले पर सवाल उठा है कि एनएच घोटाले की न सीबीआई जांच शुरू हुई और न ही जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने कार्रवाई की। उससे पहले ही मुख्य जांच अधिकारी बदल दिए गए।
मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव का कद एक बार फिर बढ़ाते हुए उन्हें चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का दायित्व सौंपा गया है। इसके अलावा बड़ा फेरबदल एमडीडीए के सचिव के पद पर हुआ है। इसमें मौजूदा वीसी वी षणमुगम को हटाकर उनके स्थान पर सरकार बंनने से लेकर अब तक मलाईदार पद के लिए हाथ-पांव मार रहे विनय शंकर पांडे को नियुक्ति दी गई है। आईएएस अधिकारी उमाकांत पांडे से प्रमुख सचिव खेल एवं परिवहन आयुक्त की जिम्मेदारी वापस ली गई है।
आईएएस मनीषा पंवार से प्रमुख सचिव श्रम सेवायोजन तथा आईएएस अधिकारी अमित सिंह नेगी से आयुक्त कर का चार्ज लिया गया है। अमित सिंह नेगी को सचिव आवास की जिम्मेदारी, जबकि आर मीनाक्षी सुंदरम को सचिव तीर्थाटन धार्मिक मेला का अतिरिक्त प्रभार मिला है।
हरबंश सिंह चुग को प्रभारी सचिव श्रम सेवायोजन बनाया गया। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के सीईओ का पद देख रहे अरविंद सिंह ह्यांकी को भी अपने पद से पदमुक्त कर दिया गया है। समाज कल्याण के प्रभारी सचिव के रुप में उषा शुक्ला की तैनाती की गई है।
आईएएस रंजीत कुमार सिन्हा को सचिव मानवाधिकार आयोग और चंद्रेश कुमार यादव को अपर सचिव, ग्राम्य विकास बनाया गया है। इंदुधर नए अपर सचिव सचिवालय प्रशासन बनाए गए हैं। श्रीधर बाबू अद्दांकी को कर और निदेशक लेखा परीक्षा का आयुक्त बनाया गया है।