गौचर में उत्तराखण्ड भाषा-बोली संस्थान का शिलान्यास
करोड़ों की लागत की 15 अन्य विकास योजनाओं का भी शिलान्यास
गौचर । गौचर एवं जौलजीवी मेले राज्य में निरन्तर अपने उच्चतम पहचान की ओर अग्रसर है जिसमें प्रदेश की संस्कृति, स्थानीय उत्पादों एवं राज्य के विकास की झलक दिखती है, आने वाले समय में गौचर मेले का नाम विश्व के संस्कृति कलेण्डर में दर्ज होगा। यह बात सूबे के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गौचर मेले में जनता को संबोधित करते हुए कही।
अपने निर्धरित कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री गौचर मेले में शामिल हुए। उन्होंने मेले में लगे विभिन्न स्टाॅलों पर हस्तशिल्प, दस्तकारी एवं स्थानीय उत्पादों का निरीक्षण करते हुए उत्तराखण्ड भाषा-बोली संस्थान सहित लगभग 10 करोड़ लागत की 15 विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। इस अवसर पर डिप्टी स्पीकर व क्षेत्राीय विधायक डा0 अनुसूया प्रसाद मैखुरी भी उनके साथ मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि गौचर मेला एक ऐतिहासिक मेला है जिसमें राज्य संस्कृति की असली झलक दिखती है। राज्य के स्थानीय उत्पादों को बडा बाजार मिलता है। ऐसे मेलो के विकासपरक आयोजन के लिए एक ठोस रोडमैप तैयार करने की आवश्यकता है। उत्तराखण्ड भाषा-बोली संस्थान खुलने पर शुभकामनाऐं देते हुए उन्होंने कहा कि इसे एक अच्छे संस्थान के रूप में विकसित किया जायेगा जो अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य आंन्दोलन की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए पहाडो के विकास के लिए रोडमैप तैयार करते हुए गैरसैंण में विधानसभा भवन का निर्माण किया गया है। 2013 की भीषण आपदा से उभर कर आज उत्तराखण्ड विकास के पथ पर अग्रसर है तथा देश के सबसे तेज तरक्की करने वाले 6 राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य से गरीबी को हटाना व पलायन रोकना है। राज्य की आर्थिक प्रगति के लिए हमें शिक्षा, खेती के साथ-साथ हस्तशिल्प व दस्तकारी को भी विकसित करना होगा।
कृषि पर जोर देते हुए कहा कि उन्नत खेती के लिए सरकार ने ठोस योजनाऐं तैयार की है। मडुवा, झंगोरा, गहथ, काला भट्ट आदि फसलों के लिए उचित दामों पर मार्केट उपलब्ध् कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटक की सुविधा के लिए होमस्टे योजना के तहत स्थानीय संस्कृति के आधर पर एक हजार पर्यटक आवास बनाये जा रहे है। इस वर्ष 15 लाख श्रद्धालु हमारे धर्मिक स्थलों की यात्रा कर चुके है। पर्यटन सुविधओं को विकसित कर 2017 में राज्य सरकार का लक्ष्य 30 से 40 लाख पर्यटकों लाने का है। शिक्षा के क्षेत्रा में कार्य करते हुए आज 500 स्कूलों को माॅडल स्कूल बनाया गया है। लघु, कुटीर उद्योगों के माध्यम से हस्तशिल्प व दस्तकारी को विकसित करते हुए 50 हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। 2022 तक राज्य से गरीबी को पूरी तरह से खत्म किया जायेगा।
महिला सशत्तिफकरण के तहत महिलाओं के लिए अनेक योजनाऐं संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो महिला आज अपने खेतों में भी कार्य करेगी सरकार उसे मनरेगा श्रमिक का दर्जा देकर लाभान्वित करेगी। उन्होंने जिलाधिकारी को जिले में अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह गठित करने के निर्देश देते हुए कहा कि स्वयं सहायता समूहों के खेतों में अगले महीने तक 5 हजार की धनराशि सहायता के तौर पर दी जा रही है। स्वयं सहायता समूहों के कार्य शुरू करने पर 20 हजार की धनराशि तथा सामूहिक रूप से खेती करने पर 1 लाख रूपये का अनुदान देने की व्यवस्था की गयी है।
उन्होंने कहा कि आज बिटिया के पैदा होने से लेकर पढाई, शादी, बीमारी व वृद्धावस्था तक विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा प्रकार की पेंशन उत्तराखण्ड राज्य दे रहा है और इस अभियान को आगे भी जारी रखा जायेगा। राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओं की धनराशि को बढाकर 1 हजार रुपये प्रतिमाह किया गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में रिक्त 30 हजार पदों को भरने का कार्य चल रहा है जिसमें से 16 हजार पदों पर नियुत्ति की जा चुकी है। राज्य में 1 हजार सड़कों का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। उन्होंने क्षेत्र की जनता को शुभकामनाऐं देते हुए विकास कार्याे में राज्य सरकार के साथ मिलकर कार्य करने का आवाहन किया।
इस दौरान डिप्टी स्पीकर डा.अनुसूया प्रसाद मैखुरी एवं मेला उपाध्यक्ष व नगर पालिका अध्यक्ष गौचर मुकेश नेगी ने क्षेत्र में किये गये विकास कार्याे एवं गौचर मेले में प्रतिभाग करने पर समस्त क्षेत्रावासियों की ओर से मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत करते हुए आभार प्रकट किया।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने गौचर में आदिबद्री -नौटी मोटर मार्ग के खेत गधेरे से वुराखोली -कैडा-पण्डाव तक 8 कि0मी0 मोटर मार्ग नवनिर्माण कार्य लागत 137.60 लाख , वणसोली मोटर मार्ग से कुण्डडुग्रा-किमधार -सेरागाड होते हुए गुनाड तक 10 कि0मी0 मोटर मार्ग नवनिर्माण कार्य लागत 119.05 लाख , चाॅदपुर गढ़ी-जुलगड-बकरिया बैण्ड 5 कि0मी0 मोटर मार्ग नवनिर्माण लागत 113.90 लाख , खरसाई-माठा-ग्वाड 2.5 कि0मी0 मोटर मार्ग लागत 22.30 लाख, लंगासू-जयकण्डी-बणसोली मोटर मार्ग से ग्राम बणसोली होते हुए सिलिंग तक 10 कि0मी0 मोटर मार्ग नवनिर्माण लागत 80.00 लाख , बौला-सिन्द्रवाणी से सकण्ड तक 7 कि0मी0 मोटर मार्ग नवनिर्माण लागत 62.44 लाख, कर्णप्रयाग-नौटी-पैठांली मोटर मार्ग से कोली-भटोली तक 4 कि0मी0 मोटर मार्ग लागत 51.52 लाख , इण्टर काॅलेज कनखुल से चैपडयूॅ-मैखुरा मोटर मार्ग तक 6 कि0मी0 संपर्क मार्ग नवनिर्माण लागत 70.80 लाख, चटवापीपल-झिरकोटी 5कि0मी0 मोटर मार्ग नवनिर्माण लागत 183.75 लाख , गौचर मैदान में इण्डोर स्टैडियम निर्माण, डायट गौचर चमोली में बहुउदेशीय शिविर सभाकक्ष निर्माण कार्याे का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्राी ने गौचर-सिदोली मोटर मार्ग 14 कि0मी0 से ग्राम पाडुली को जोडने हेतु 1.5 कि0मी0 संपर्क मार्ग लागत 17.24 लाख , राजकीय विद्यालय को राजकीय आर्दश विद्यालय गौचर, बा0इ0काॅलेज गौचर को आर्दश विद्यालय के रूप में लोकापर्ण एवं उत्तराखण्ड भाषा बोली संस्थान गौचर का शुभारंभ भी किया।
इस अवसर पर ब्लाक प्रमुख राधा देवी, सभासद नपा इन्द्र सिंह पवार, प्रदेश सचिव कांग्रेस हरिसिंह रावत, चाय विकास र्बाेड के भुवन नौटियाल, प्रवक्ता पीसीसी हरी कृष्ण भट्ट, जिलाध्यक्ष खेल प्रभाग अजय किशोर भट्ट, आईटी प्रकोष्ट सचिव देवराज, नगर अध्यक्ष कांग्रेस विजय डिमरी, दुग्ध् संघ अध्यक्ष राजेश्वरी नेगी, अपर जिलाध्किारी जगदीश लाल, मेलाधिकारी व एसडीएम केएन गोस्वामी आदि मौजूद थे।