PAURI GARHWAL
विश्व में हमारी लोक परंपराओं को पूजा जाता है : माता मंगला जी

पौड़ी गढ़वाल के असवालस्यूं के खुगशा पहुंची माता मंगला जी और भोले महाराज
- नवनिर्मित मंदिर में मां भगवती झालीमाली देवी मूर्ति की हुई प्राणप्रतिष्ठा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो / जगमोहन ‘आज़ाद’

श्री झालीमाली देवी मंदिर समिति खुगशा,असवालस्यूं पौड़ी गढ़वाली के तत्वावधान में आयोजित इस विशाल प्राणप्रतिष्ठा अनुष्ठान में आए हजारों भक्तों को संबोधित करते हुए माताश्री मंगला जी ने कहां कि मां झालीमाली की कृपा हम सब पर बनी रहे। हम विश्व में सुख-शांति-संतुष्टि के लिए मां झालीमाली से प्रार्थना करते है। माता मंगला जी कहा कि उत्तराखण्ड में देवी भगवती दुर्गा के नौ रूपों के अतिरिक्त अन्य अनेकों स्थानीय रूप है। इसमें नन्दा, राजराजेश्वरी, चन्द्रबदनी, सुरकण्डा, भ्रामरी, मठियाणा, कुंजापुरी, धारीदेवी, ज्वालपा, भराड़ी, गढ़देवी, कंसमर्दिनी, ज्वाला, पाताल भुवनेश्वरी, अनुसूया, झूलादेवी, भद्रकाली, कालीमठ, बाराही आदि हैं। जन सामान्य में इनको लोक मातृदेवी कहा जाता है, जिन्हें विभिन्न जाति,समुदायों में कुलइष्ट देवी की उच्च प्रतिष्ठा प्राप्त है। झालीमाली भी इन्हीं लोक-देवियों में शामिल है,और शारदीय नवरात्र के शुभ अवसर पर आज यहां यह आयोजन किया जा रहा है। यह और भी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा इस मौके पर मैं विशेष तौर पर कहना चाहूंगी की,हम सब को यह निश्चित करना होगा कि हम सिर्फ किसी विशेष अवसर पर अपनी माता-बहनों को सम्मान देने की बात न कर हर दिन उनके सम्मान के लिए खड़े रहना चाहिए हम अक्सर देव पूजन या नवरात्रों के मौके पर बिटियों को पूजते है,उनका सम्मान करते है। लेकिन मुझे लगता हैं,बिटियां तो हमेशा पूजनीय हैं,सम्मानिय हैं,उनका मान-सम्मान हमेशा किया जाना चाहिए। आज दुनिया भर में बिटियां हर दिन नये-नये मुकाम छु रही है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता हैं कि हमारी बिटियों के साथ बहुत अत्याचार होता है। यह सुन,देखकर मन बहुत दुःखी होता है। इसलिए मैं कहना चाहूंगी की बिटिया हमेशा श्रेयकर रही हैं और हैं,उनका मान-सम्मान हमेशा करना चाहिए। असल में यही देवी पूजा का मूल अर्थ भी है।
माता मंगलीजी ने कहां कि हम मां झालीमाली देवी से प्रार्थना करते हैं कि मां सबको आशीष प्रदान कर विश्व में शांति स्थापित करें। हम सब मिलकर अपनी बच्चियों के मान-सम्मान के काम करें।

उल्लेखनीय है कि माताश्री मंगलाजी एवं भोलेजी महाराज जी हंस कल्चर सेंटर एवं हंस फाउंडेशन के माध्यम से देश भर गरीब जरूरतमंदों के लिए कितने महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। सही मायने में माताजी-महाराजी हम सब के साथ देव स्वरूप में मौजूद है। हम मां भगवती श्रीझालीमाली देवी से प्रार्थना करते हैं कि मां हम सब को आशीर्वाद दे और हमारे राज्य में सुख-समृद्धि बनाए रखे।
श्री परमेश्वरी दत्त ने कहां कि माताश्री मंगला जी ने इतनी अच्छी बात कही कि हमारी मां-बहन देव स्वरूप में हमारे साथ मौजूद हैं,इसलिए हमें उनका मान-सम्मान करना चाहिए। यही सही अर्थों में देवी की पूजा है। मैं श्रीझालीमाली मंदिर समिति का विशेष आभार व्यक्त करना चाहूंगा कि आपने मुझे इस आयोजन में आने का अवसर प्रदान किया। इस मौके पर जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण एवं साथियों ने मां झालीमाली का गुणगान किया। जिसपर लोग खूब झूमे।
मां भगवती झालीमाली देवी मूर्ति प्राणप्रतिष्ठा अनुष्ठान में पहुंचे माताश्री मंगलाजी एवं भोलेजी महाराज जी का सम्मान करते हुए श्रीझालीमाली मंदिर समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद खुगशाल ने माता मंगला जी एवं श्रीभोलेजी महाराज जी का इस आयोजन में शामिल होने के लिए आभार प्रकट किया। इस मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने मां भगवती झालीमाली का आशीर्वाद लिया और विशाल भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया।