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पंचेन लामा की 30वीं जन्म वर्षगांठ पर शांति मार्च का आयोजन

- तिब्बती महिला संघ 25 अप्रैल को करेगी मार्च
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । 11वें पंचेन लामा की 30वीं जन्म वर्षगांठ के अवसर पर तिब्बती महिला संघ द्वारा अखिल भारतीय शांति मार्च का आयोजन करेगा। सन् 1995 में दलाईलामा जी ने 6 वर्ष के गेडन चोकई नीमा को उन्हीं के पुनर्जन्म की पहचान दी। लेकिन अधिकारिक मान्यता के कुछ दिन बाद चीनी सरकार ने उनका अपहरण कर लिया तथा उनके परिवार के सदस्यों व साथ ही ताशी लुहम्मों मठ के मठाधीश जादेल रिंपोचे को भी हिरासत में ले लिया। तबसे उनके ठिकानों का कुछ अता पता नहीं है।
तिब्बती महिला संघ का कहना है कि 25 अप्रैल को पंचेन लामा तीस वर्ष के हो जाते हैं। हालांकि उनके 24 वर्ष पहले अन्यायपूर्ण अपहरण के दौरान उनके ठिकाने व हालचाल के बारे में हमे कोई खबर नही है दो दशक होने को है किन्तु चीनी प्राधिकारि वर्ग ने कई राष्ट्रों की सरकार तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के पंचेन लामा व उनके परिवार से मिलने के आग्रह को ठुकरा दिया है नवीनतम सूचनाओ के अनुसार 2015 में चीनी सरकार ने पुष्टि की है कि गेंढन चोकई नीमा आधुनिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं तथा उनके माता पिता नही चाहते कि बाहरी वातावरण से इसमें कोई भी व्यवधान पडे़। लेकिन चीनी अधिकारी गेंढन चोकई नीमा के ठौर ठिकाने की पुष्टि करने में असफल रहे हैं।
तिब्बती महिला संघ दृढ निश्चय के साथ अपने इस कार्य के प्रति प्रतिबद्व है जब तक कि पंचेन रिंपोचे की रिहाई न हो और वे अपने निज के वास्तविक आवास ताशी लुहन्पो मठ पर न पहुंचे। इसलिए, इस वर्ष 25 अप्रैल को 11वें पंचेन लामा के 30वें जन्म दिन मनाते हुए हम शांति मार्च कर रहे हैं जो भारत के पांच विभिन्न क्षेत्रों में होगा। जिसमें धर्मशाला से चंडीगढ, देहरादून से दिल्ली, गेंगटोक से सालुगांढा, नागपुर से छत्तीशगढ और मैसूर से बेंगलू आदि शामिल हैं।