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मशहूर शिकारी जॉय हुकिल ने पौड़ी के पास मारा 35 वां आदमखोर गुलदार

शिकारी जॉय हुकिल के हाथों काफी मशक्क्त के बाद मारा गया आदमखोर 

तीन बार पिंजरे के पास आया और पिंजरे के भीतर रखे 10 मुर्गों को बनाया था अपना निवाला

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

पौड़ी (गढ़वाल) : श्रीनगर -पौड़ी हाइवे पर आतंक का पर्याय बन चुके आदमखोर गुलदार बीती रात उत्तराखंड के मशहूर शिकारी जॉय हुकिल के हाथों काफी मशक्क्त के बाद मारा गया।  इस आदमखोर के मारे जाने के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।

गौरतलब हो कि आदमख़ोर गुलदार की दहशत से श्रीनगर -पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित खंडाह के ग्रामीण इलाकों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया था। स्थानीय ग्रामीण दिन ढलते ही लोग घरों में कैद होने को मजबूर थे। इतना ही नहीं ग्रामीण महिलाएं होने मवेशियों के लिए जंगल ही नहीं बल्कि अपने खेतों तक में घास लेने भी नहीं जा पा रही थी। आदमखोर गुलदार की दहशत और आतंक से ग्रामीणों की दीपावली भी इस बार फीकी रही।

गौरतलब हो कि बीते दिनों धोबीघाट के ऊपर करेंखाल (बछेली) के जंगल में घास लेने गई एक महिला को गुलदार ने मार डाला था। दो अन्य महिलाओं ने किसी प्रकार भागकर जान बचाई थी। श्रीनगर के लोअर भक्तियाना निवासी मीनाक्षी नौटियाल (40 वर्ष) पत्नी हरीश अन्य महिलाओं के साथ घास लेने जंगल को निकली थी। घास काटने के बाद सभी महिलाएं सुबह करीब सात बजे लौटने की तैयारी कर रही थी, तभी झाड़ियों में छिपे गुलदार ने अचानक मीनाक्षी पर हमला कर दिया और मौत के घाट उतार दिया था। 

क्षेत्र पंचायत के पूर्व सदस्य कमल रावत ने कहा कि वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए बछेली की सड़क पर पिंजरा तक लगाया गया था लेकिन आदमखोर गुलदार इतना चालाक था की वह तीन बार पिंजरे के पास तो आया लेकिन पिंजरे के भीतर रखे 10 मुर्गों को अपना निवाला बनाने के बाद जंगल की तरफ चल दिया।

आतंक के पर्याय बन चुके इस आदमखोर ने बीती 22 -23 अक्टूबर की सायं एक महिला को अपना निवाला बना डाला इसके बाद से इलाके में गुलदार की और दहशत हो गयी।  स्थानीय ग्रामीणों ने विरोधस्वरूप पौड़ी – श्रीनगर राष्ट्रीय राज मार्ग पर जाम तक लगाया। इसके बाद 25 अक्टूबर को वन विभाग ने आदमखोर गुलदार को मारने की स्वीकृती दी और यह काम इलाके के मशहूरशिकारी जॉय हुकिल को सौंपा गया।

पौड़ी से उत्तराखंड के मशहूर शिकारी जॉय हुकिल ने बताया यह आदमखोर गुलदार बहुत ही चालाक किस्म का था जिसे उन्होंने ट्रैंकुलाइज़ करने का काफी प्रयास किया लेकिन यह समझदार था और पास नहीं आया।  उन्होंने बताया अंततः इसको बीती रात लगभग 11 बजे गोलीमर दी गयी जिससे यह वहीं ढेर हो गया।  उन्होंने बताया यह उनका 35 वां आदमखोर था जिसे उन्होंने मारकर स्थानीय लोगों को आदमखोर की दहशत से मुक्ति दिलाई है। इससे पहले उन्होंने बागेश्वर और पिथोरागढ़ में भी ग्रामीणों में आतंक फ़ैलाने वाले आदमखोरों को मार गिराया है।   

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