चर्चित रजिस्ट्रार मृत्युंजय मिश्र समेत तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश

विश्वविद्यालय का फर्नीचर खरीद घोटाला
देहरादून: आयुर्वेद विश्वविद्यालय हर्रावाला में मई 2016 में हुए 65 लाख रुपये के फर्नीचर और चिकित्सकीय उपकरणों की खरीद-फरोख्त के मामले में सीजेएम कोर्ट ने तत्कालीन चर्चित रजिस्ट्रार मृत्युंजय मिश्र समेत तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने विश्वविद्यालय को फर्नीचर और उपरकणों की आपूर्ति करने वाली फर्म के प्रोपराइटर के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
अधिवक्ता राहुल राजवंशी ने अदालत को बताया कि ऋषभ इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर सुधीर पांडेय को अप्रैल 2016 में आयुर्वेद विवि से विवेक जोशी नाम के एक शख्स ने फोन किया और रजिस्ट्रार से बात कराई। रजिस्ट्रार ने उन्हें विश्वविद्यालय बुलाया। यहां बताया गया कि जल्द ही सीसीआइएम की टीम निरीक्षण के लिए आ रही है। वह तुरंत फर्नीचर और चिकित्सकीय उपकरणों की सप्लाई कर दें। टीम के निरीक्षण के बाद उन्हें भुगतान कर दिया जाएगा। फर्म की ओर से 18 मई 2016 से लेकर 21 जून 2016 के बीच करीब 65 लाख रुपये के सामान की आपूर्ति कर दी गई।
कुछ दिनों बाद पता चला कि जो सामान फर्म की ओर से दिए गए थे, उनकी निविदा रजिस्ट्रार की ओर से डाली गई है। इधर जब भी भुगतान की बात की जाती तो संबंधित लोग उन्हें किसी न किसी बहाने से टरका देते थे। इस मामले में चौकी हर्रावाला और तत्कालीन एसएसपी देहरादून को भी प्रार्थना पत्र दिए गए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले में अदालत ने डोईवाला थाने से भी रिपोर्ट तलब की थी, जिसमें बताया गया था कि मामले में कोई अभियोग पंजीकृत नहीं है। अदालत ने इस मामले में डोईवाला थाने को आयुर्वेद विवि के तत्कालीन रजिस्ट्रार, तत्कालीन वैयक्तिक सहायक विवेक जोशी व स्टोरकीपर विवेक तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए हैं।