UTTARAKHAND
अंतरधार्मिक विवाह पर प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी का आदेश किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं !


देहरादून : पूरे देश में अंतरधार्मिक विवाह को लेकर जहां बहस छिड़ी हुई है, और कुछ राज्य में यह मामला लव जिहाद से जुड़ा भी पाया गया है ऐसे समय में उत्तराखंड के अन्य जिलों को छोड़कर केवल टिहरी जिले के समाजकल्याण अधिकारी द्वारा अंतरधार्मिक विवाह पर प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी का आदेश जारी करना किसी सोची समझी साजिश से कम नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में अब यह सवाल भी उठने लगे हैं कि आखिर सूबे के अन्य जिलों के समाजकल्याण अधिकारियों ने क्यों नहीं इस तरह का आदेश जारी किया ?
इस कानून के मुताबिक राज्य में जबरन, प्रलोभन, जानबूझकर विवाह या गुप्त एजेंडे के जरिये धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध है। इस मामले में अपराध साबित होने पर एक वर्ष से लेकर पांच वर्ष तक जेल की सजा का प्रावधान है। इस कानून के अनुसार धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से विवाह करने पर उस धर्म परिवर्तन को अमान्य घोषित कर दिया जाएगा। वहीं धर्म परिवर्तन के लिए जिला मजिस्ट्रेट या कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष एक महीने पहले शपथ पत्र देना होता है।Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.