DEHRADUN

ऊर्जा विभाग के निगमों पर हो सरकार व शासन का हस्तक्षेपः मोर्चा

प्रदेश हित में इन निगमों की स्वायत्तता समाप्त कर अपने नियंत्रण में लें सरकार 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि ऊर्जा विभाग के तीनों निगमों यथा यूपीसीएल, यूजेवीएनएल व पिटकुल को पूर्व में स्वायत्तता प्रदान की गई थी, जिसके चलते इन निगमों में प्रबंध निदेशकों का एकछत्र राज चलता था, मामले में कर्मचारियों के पद सृजन, उच्चीकरण, वेतन निर्धारण आदि तमाम मामलों में शासन की अनुमति लेने के आदेश तत्कालीन मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे द्वारा 10 दिसंबर 2008 को दिए गए थे, उक्त मामले में पांडे द्वारा कड़ी आपत्ति जताई गई थी। 

मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए नेगी ने कहा कि तत्कालीन मुख्य सचिव के निर्देश पर पत्रावली वर्ष 2013 में गतिमान हुई, जिसके क्रम में उर्जा निगम के तीनों प्रबंध निदेशकों द्वारा एक सुर में फिर से स्वायत्तता की बात कही यानी एक तरह से शासन के अधीन आने से असहमति जता दी। उक्त के पश्चात शासन ने पत्रावली पर मंथन कर मुख्य सचिव के आदेश 25 अक्टूबर 2013 को हवा में उड़ा दिए।

नेगी ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि इन निगमों में 100 फीसदी अंशधारिता राज्य सरकार की है तथा इन निगमों द्वारा प्रतिवर्ष करोड़ों -अरबों रुपए की खरीद-फरोख्त, अनुरक्षण, नव निर्माण आदि तमाम मामलों में घोटाले किए जाते हैं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगती है द्यइस मामले में लगाम कसनी ही चाहिए।

मोर्चा सरकार से मांग करता है प्रदेश हित में इन निगमों की स्वायत्तता समाप्त कर अपने नियंत्रण में लें, जिससे जनता की गाढ़ी कमाई को लुटने से बचाया जा सकें। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, सुशील भारद्वाज आदि उपस्थित रहे। 

Related Articles

Back to top button
Translate »