भाजपाइयों की भाषा पर भड़की सीईओ राधा रतूड़ी
भाजपा को दी चुनाव आयोग से शिकायत करने की सलाह
देहरादून । हमेशा शालीन व धर्य से बातें सुनने व करने वाली सूबे की मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूडी का धैर्य तब जवाब दे गया जब भाजपा के प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने उनको जबरन अपनी बात समझाने की कोशिश की। भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने दो बिन्दुओं पर अपनी शिकायतें दी जिन्हें उन्होने कार्रवाई के लिये स्वीकार कर लिया लेकिन भाजपा प्रतिनिधिमंडल में आज पहली बार शामिल हुए प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल के कुछ शब्दों पर श्रीमती रतूडी इतनी क्षुब्ध हुई कि उन्होने साफ कह दिया कि यदि किसी को उनकी निष्पक्षता पर रंच मात्र भी संदेह हो सीधे मुख्य चुनाव आयुक्त से संपर्क करें।
प्रतिनिधिमंडल ने नेता भाजपा चुनाव आयोग संपर्क समिति अध्यक्ष पुनीत मित्तल ने उन्हे लिखित ज्ञापन देकर बताया कि कल मोतीचूर फाटक पर गाडी संख्या यूके 07-बीडी-6655 में विधानसभा के अनुभाग अधिकारी अर्जुन शाही के ले जाये जा रहे लाखों रूपये की बरामदगी के बाद जैेसे ही शाही ने पैसे के स्वामी को नाम और पद बताया तो उसे थाने से ही छोड दिया गया जबकि 50 हजार रूपये ले जाने पर भी पुलिस तत्काल बंदी करती है और धन का विश्वसनीय स्रोत न बताने पर न्यायालय से भी जमानत नही मिलती। भाजपा ने इस बारे में प्रथम सूचना रपट दर्ज किये जाने और संबंधित जन को बंदी करने आदि अग्रिम कार्यवाही की मांग की। शाही के सरकारी कर्मचारी होने से उनके विरूद्ध सतर्कता विभाग की कार्यवाही पर भी जोर दिया गया।
इसके अलावा भाजपा ने श्रीमती रतूडी को बडी संख्या में कांग्रेस के नेताओ-कार्यकर्ताओं को टेलिकाम कंपनियांेे से विशेष प्रकार के सीएलआईआर मोबाइल कनेक्शन जारी किये जाने की शिकायत करते हुए कहा है कि इस प्रकार के कनेक्शन गृह मंत्रालय की सिफारिश से आवश्यक सेवाओ के लिये देने की अनुमति है जिसमें फोनकर्ता का नंबर डिस्प्ले नहीं होता। इनसे चुनाव को प्रभावित किया जायेगा और यह आदर्श चुनाव आचार संहिता का भी उल्लंघन है।
यहां तक तो श्रीमती रतूडी सब कुछ धैर्य से सुनती रही लेकिन जैसे ही प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने कई बार जोर देकर कहा कि आपके स्तर से कडे कदम उठाये जाने जरूरी है क्योकि इस समय निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव के लिये आपकी विश्वसनीयता दांव पर है तो श्रीमती रतूडी नाराज हो गई कि आप मीडिया के सामने इस बात को बार-बार क्यों दोहराये जा रहे हैं और आपका उन पर भरोसा नहीं है तो मुख्य चुनाव आयुक्त को शिकायत करें।
उन्होने कहा कि चुनाव तो पांच राज्यों में हो रहे हैं और बताये कि जितने कदम उत्तराखंड में उठाये गये हैं, इतने कदम क्या़ किसी और राज्य में अब तक उठाये गये हैं ? यह सुन भाजपा नेताओं ने बडी मुश्किल से बात को संभाला। हालांकि बाद में प्रतिनिधिमंडल ने बाहर पत्रकारों के सामने कहा कि सत्ता के सामने चुनावी तंत्र कितना लाचार होता है, यह सबकों पता है। इस पूरी प्रक्रिया में मीडिया और उसके माध्यम से बनने वाले जनमत का ही मूल्य है। प्रतिनिधिमंडल में मित्तल व बंसल के अलावा अधिवक्तागण अरविन्द जैन, आर एस राघव, बृजपाल अरोडा, राजीव गुप्ता, सरदार बलजीत सिंह सोनी, शादाब शम्स, मनीष गैरा, संजीव विज आदि भी थे।