देहरादून में कमांडर कांफ्रेस पर सियासी भूचाल, कांग्रेस ने सेना का अपमान बताया
चुनाव आचरण नियमावली का भी यह है उलंघन
नयी दिल्ली : भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में 21 जनवरी को होने वाली सेना की कमांडर कांफ्रेंस पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है। कांग्रेस ने चुनाव के समय कांफ्रेस को देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में आयोजित करने पर सवाल उठाए हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दिल्ली में प्रेस वार्ता करके कांफ्रेंस में पीएम मोदी के शामिल होने पर सवाल उठाते हुए इसे चुनाव तक रोकने की मांग की।
गौरतलब है कि आईएमए में 21 जनवरी को कमांडर कांफ्रेंस आयोजित हो रही हैं। इसमें प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री मनोहर परिकर भाग लेने आने वाले हैं। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी उत्तराखंड में चुनावी चेहरा बनाया है। कमांडर कांफ्रेंस में पीएम के आने को खूब प्रचारित किया जा रहा है। कहा कि उत्तराखंड में बड़ी संख्या में एक्स आर्मी सर्विसमैन हैं जो इससे प्रभावित होंगे। ऐसे में इस कांफ्रेंस का होना चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन है।
हरीश रावत ने आरोप लगाया कि पीएम राजनैतिक फायदा लेने के लिए इस कांफ्रेंस में भाग ले रहे हैं। कहा कि यह कांफ्रेंस 2016 में चीन की सीमा पर सिक्किम में आयोजित की जानी थी लेकिन साल भर में यह कांफ्रेंस वहां न करके अब चुनाव के बीच देहरादून में कराई जा रही है।
हरीश रावत ने यह भी कहा कि एक बार को छोड़कर कभी भी दिल्ली से बाहर नहीं की गई। कहा कि अगर दिल्ली से बाहर डालने की परंपरा डालने की शुरुआत की गई है तो इसे ऑपरेशनल एरिया में आयोजित किया जाना चाहिए। देहरादून में कमांडर कांफ्रेंस का आयोजित करने को राजनैतिक स्टंट बताया।
मुख्यमंत्री ने इसे सेना के गौरव को चोट पहुंचाने वाला बताया। रावत ने कहा कि हम सेना की गौरवशाली का सम्मान करते हैं, लेकिन चुनावी फायदे के लिए ऐसा काम करके हमारी गौरवशाली सेना के सम्मान पर चोट पहुंचाई गई है।उन्होंने उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों की बड़ी संख्या का जिक्र करते हुए कहा कि इस कांफ्रेंस से प्रधानमंत्री पू्र्व सैनिकों का वन रैंक वन पेंशन से ध्यान हटाने की चाल है।
रावत ने यह भी कहा कि वे इस कांफ्रेंस का विरोध नहीं कर रहे हैं। बस टाइमिंग का विरोध है। कहा कि अगर 15 फरवरी के बाद यह कांफ्रेंस हो तो हम इसका स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री पद का आदर करते हैं लेकिन प्रधानमंत्री के अंदर एक पूरी तरह राजनीतिक व्यक्ति है जो पीएम के पद का दुरुपयोग कर रहा है।