- आज तक समझ नहीं पाए पहाड़ की जवानी और पहाड़ के पानी की कीमत यहां के नेता
बागेश्वर : ”स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाने” और ”नशा नहीं रोजगार दो” की मांग को लेकर यात्रा में चल रहे 76 वर्षीय वयोवृद्ध रामकृष्ण तिवारी ने खोलिया विवेकानंद इंटर कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक बच्चा नशा नहीं रोजगार दो, गैरसैंण स्थाई राजधानी हो, की मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र भेजें। इस दौरान रामकृष्ण तिवारी भावुक होकर रोने लगे। उन्होंने कहा कि पहाड़ की जवानी और पहाड़ के पानी की कीमत यहां के नेता आज तक समझ नहीं पाए और युवाओं को बरगलाते रहे।
राज्य की स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाने और नशा नहीं रोजगार दो की मांग को लेकर 21 नवंबर से नैनीताल से शुरु हुई चलो गैरसैंण यात्रा गरुड़ पहुँच गयी है। विभिन्न संगठनो ने गांधी चबूतरे पर यात्रा के सदस्यों का भव्य स्वागत किया। सोमवार को यह यात्रा आगे के पड़ावों में जनजागरण करती हुई 6 दिसम्बर को गैरसैण पहुंचेगी।
इस मौके पर यात्रा का नेतृत्व कर रहे दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलनों में प्रमुख भूमिका निभाने वाले प्रवीण कुमार सिंह ने कहा कि अब गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाकर की दम लेंगे।
ऐतिहासिक गांधी चबूतरे पर आयोजित जनसभा में प्रवीण कुमार सिंह ने कहा कि राज्य बने 17 साल हो गए। अब तक यहां की सरकारों ने स्थाई राजधानी के नाम पर जनता के साथ छलावा किया है। उन्होंने कहा कि इस बीच सरकार नहीं चेती तो वे सात दिसंबर से गैरसैंण में आमरण अनशन शुरु कर देंगे।
यात्रा के सदस्य और व्यसनमुक्त समाज के संयोजक उत्तराखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता डीके जोशी ने कहा कि राज्य बनने के बाद भी पहाड़ की समस्याएं कम नहीँ हुई हैं। यहां की सरकारों ने राज्य में शराब माफियाओं को पनपाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पहाड़ की जवानी और पहाड़ का पानी आज पहाड़ के काम नहीं आ रहा है। उसे शराब के गर्त में धकेला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकारों ने पहाड़ के प्रत्येक बाजार में शराब की दुकानें खोल दीं, लेकिन युवाओं को रोजगार नहीं दिया। सरकारों ने मद्य निषेध विभाग को निष्क्रिय बनाकर यहां की नौजवान पीढ़ी को नशे की गिरफ्त में धकेलने का काम किया है। उन्होंने पहाड़ के लोगों से नशा नहीं रोजगार दो, गैरसैंण स्थाई राजधानी हो, के लिए आगे आने का आह्वान किया। यात्रा की मुख्या मांगों में उत्तराखंड में मद्य निषेध विभाग की पृथक से स्थापना ,रोजगार को कानूनी अधिकार और गैरसैंण स्थाई राजधानी बनाई जाए को प्रमुखता से उठाया जा रहा है।
इस दौरान समाजसेवी रामकृष्ण तिवारी, एडवोकेट गोविंद सिंह भंडारी, नारायण सिंह थायत, मनोज मौर्य, महेश चंद्र पांडे, गोकुल जोशी, जगदीश जोशी आदि ने भी जनसभा को संबिधित किया।