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24 दिसंबर को कैबिनेट लेगी फैसला,छात्र-छात्राओं को टैबलेट दिया जाए या डीबीटी के माध्यम से धन।

देवभूमि मीडिया ब्यूरो। प्रदेश के सरकारी डिग्री कालेजों और माध्यमिक विद्यालयों के दसवीं और बारहवीं के 2.64 लाख छात्र-छात्राओं को टैबलेट दिया जाए या डीबीटी के माध्यम से धन, इस पर निर्णय दोबारा कैबिनेट लेगी। टैबलेट वितरण में हो रही देरी को देखते हुए सरकार इसे टालने के मूड में नहीं है। अगले विधानसभा चुनाव को देखते हुए टैबलेट के स्थान पर छात्र-छात्राओं को डीबीटी के माध्यम से धन देने पर भी विचार किया जा रहा है।
सरकार ने बीते अक्टूबर माह में छात्र-छात्राओं को टैबलेट देने का निर्णय किया था। 2.60 लाख से ज्यादा टैबलेट की उपलब्धता में होने वाली परेशानी के चलते इसमें देरी होना तय है। जल्दबाजी में टैबलेट की खरीद में गड़बड़ी के अंदेशे को देखते हुए सरकार इस बारे में फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही है। चयनित कंपनी के माध्यम से उपलब्ध कराए जाने वाले टैबलेट वितरित करने की समय अवधि 75 दिन रखी गई है। सरकार को दूसरा बड़ा बदलाव टैबलेट की रैम घटाने को लेकर करना पड़ा है। सरकार तीन जीबी रैम के स्थान पर अब दो जीबी रैम के टैबलेट उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। इस सबके बावजूद चुनाव की आचार संहिता से पहले टैबलेट उपलब्ध कराना संभव नहीं लग रहा है।यही नहीं विपक्षी दल कांग्रेस टैबलेट खरीद में गड़बड़ी का अंदेशा जता चुका है।
इन परिस्थितियों को देखते हुए अब सरकार डीबीटी के माध्यम से छात्र-छात्राओं के खाते में 12 हजार की धनराशि उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है। इस राशि से छात्र-छात्राओं को टैबलेट खरीद सुनिश्चित करनी होगी। इसका बिल भी विभाग को देना होगा। हालांकि इस संबंध में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर छोड़ा गया है। मुख्यमंत्री का रुख जानने के बाद ही टैबलेट खरीद के संबंध में गठित समिति अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकती है। आगामी 24 दिसंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस मामले को रखा जाएगा।
उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि टैबलेट के लिए टेंडर प्रक्रिया भी प्रारंभ की गई। इस संबंध में शासन स्तर पर गठित समिति की रिपोर्ट या संस्तुति का इंतजार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करने के बाद इस संबंध में निर्णय किया जाएगा।

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