देश में ओमक्रॉन का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। आंकड़ों से पता चला है कि इसकी संक्रमण दर इतनी ज्यादा तेज है कि इसने पिछले साल भयावह रूप से सामने आई कोरोना की दूसरी लहर को भी पीछे छोड़ दिया है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के बाद गंभीर रूप से बीमार होने की खबरें कम हैं, जिसके चलते अस्पताल में भर्ती होने की दर भी कम है।
कोरोना संक्रमण की बात करें तो देश में रविवार को कोरोना के 33 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। यह संख्या पिछले 107 दिनों या 17 सितंबर के बाद सबसे जयादा है। वहीं दो जनवरी को खत्म हुए सप्ताह में देश में प्रतिदिन औसतन 18,290 नए मरीज सामने आए, जो कि 12 अक्टूबर के बाद से उच्चतम सात दिवसीय औसत है। जबकि 25 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में सात दिनों का औसत 6,641 था।
एक सप्ताह में संक्रमण दर में 175 प्रतिशत का इजाफा
रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना की संक्रमण दर इतनी तेज है कि पिछले एक सप्ताह के अंदर ही इसमें 175 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। नौ अप्रैल 2020 के बाद यह सबसे ज्यादा साप्ताहिक वृद्धि है। जबकि, दूसरी लहर के दौरान एक सप्ताह में अधिकतम 75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यही संक्रमण दर बनी रही तो आने वाले सप्ताह में प्रतिदिन मिलने वाले मामलों की संख्या बढ़कर 36 हजार तक पहुंच जाएगी।
WHO ने पहले ही किया था आगाह
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बात की पहले ही पुष्टि की थी कि मौजूदा ओमिक्रॉन संक्रमण डेल्टा से भी ज्यादा तेजी से फैलेगा। WHO ने कहा था कि इस बात की संभावना ज्यादा है कि टीकाकरण करा चुके या कोरोना से संक्रमित हो चुके लोग भी दोबारा संक्रमित हो सकते हैं। अभी तक ओमिक्रॉन के जो भी मामले सामने आए हैं, उनमें ज्यादातर में यह ही देखा गया है।