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पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष राज्य के टाइगर रिज़र्व में बढ़ी बाघों की संख्या

मुख्यमंत्री ने जारी किये बाघों की गणना के ताजे आंकड़े ….

 कार्बेट टाइगर रिजर्व  में 2015  के मुकाबले 2017 में  बढ़े  43 बाघ 

 राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या  16 से बढ़कर हुई 34 

 देहरादून :   मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वन विभाग को बधाई देते हुए कहा कि बाघों के संरक्षण में उत्तराखण्ड द्वारा शानदार काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास पर कार्बेट और राजा जी टाईगर रिजर्व में बाघों की गणना के वर्ष 2016-17 के ताजे आंकडे जारी किये। कार्बेट टाईगर रिजर्व में न्यूनतम 208 विशिष्ट बाघ और राजा जी टाइगर रिजर्व में न्यूनतम 34 विशिष्ट बाघो की पहचान की गई है। पिछले वर्ष यह संख्या कार्बेट टाईगर रिजर्व में 163 एवं राजा जी टाईगर रिजर्व में 16 पायी गई थी। उन्होंने कहा कि 340 बाघो के साथ क्षेत्रफल के अनुपात में बाघों की संख्या के मामले में उत्तराखण्ड देश नम्बर एक राज्य है। यद्यपि सर्वाधिक संख्या 400 के साथ कर्नाटक प्रथम स्थान पर है।

वन विभाग के आला अधिकारियों ने बताया कि कार्बेट टाइगर रिजर्व की सभी रेंजो में ग्रिड के आधार पर कैमरे लगाए गए थे। गणना कार्य में लगभग 535 कैमरे उपयोग में लाए गए। कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघ गणना फेज-4 में बाघों की गणना दो चरणों में संपादित की गई। इस हेतु क्षेत्रीय कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए विश्व प्रकृति निधि (डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ.) द्वारा आवश्यक योगदान दिया गया।पहले चरण की गणना दिनांक 28 नवंबर, 2016 से 21 जनवरी, 2017 तक कार्बेट टाइगर रिजर्व के रामनगर टाइगर रिजर्व प्रभाग में कैमरा ट्रैप विधि के माध्यम से की गई तथा दूसरे चरण में दिनांक 25 जनवरी, 2017 से दिनांक 19 मार्च, 2017 तक कालागढ़ टाइगर रिजर्व प्रभाग में कैमरे के माध्यम से की गई। प्रत्येक कैमरे बिन्दु पर दो कैमरे लगाये गये। रामनगर टाईगर रिजर्व प्रभाग में 235 कैमरे बिन्दुओं पर 55 दिनों के लिए कैमरे लगाये गये तथा कालागढ़ टाइगर रिजर्व में 232 कैमरे बिन्दुओं पर 54 दिनों के लिए कैमरे लगाये गये।

इस प्रकार कार्बेट टाइगर रिजर्व की कुल 25453 ट्रैप नाईट से 424870 फोटो प्राप्त हुए। जिनमें 3892 बाघों के फोटो मिले, जिसमें बाघ गणना के लिए 2539 फोटो उपयोग में लाये गये। बाघों की गणना प्राप्त की गयी फोटो के दायें तथा बायें भाग का मिलान के माध्यम से की गयी। जिसमें 142 विशिष्ट बाघों के दोनो बायें तथा दांये पहलू (फ्लेंक) प्राप्त हुए। 66 विशिष्ट  बाघों के केवल बांये पहलू प्राप्त हुए। बाघों की गणना बांये पहलू का आधार मानकर की गयी है। 96 बाघों के दांये पहलू प्राप्त हुए जिनका मिलान नही किया गया तथा जिन्हें गणना में सम्मिलित नही किया गया हैं।

अतः कार्बेट टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत रामनगर टाइगर रिजर्व प्रभाग में 99 विशिष्ट बाघों व 06 विशिष्ट शावकों की पहचान की गयी तथा कालागढ़ टाइगर रिजर्व प्रभाग में 109 विशिष्ट बाघों की पहचान की गयी। इस प्रकार कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघ गणना फेज-4 2016-17 की गणना में न्यूनतम 208 विशिष्ट बाघों व 06 विशिष्ट शावकों की पहचान की गयी है। वर्ष 2015 में किये गये फेज-4 अनुश्रवण में यह संख्या न्यूनतम 163 पायी गयी थी।

राजाजी टाइगर रिजर्व में भारतीय वन्यजीव संस्थान व विश्व प्रकृति निधि (डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ.) के सहयोग से वर्ष 2016-17 में फेज-4 अनुश्रवण का कार्य सम्पादित किया गया। कैमरा ट्रैप का घनत्व एक कैमरा ट्रैप 1.5 वर्ग कि0मी0 रखा गया। रिजर्व के कोर क्षेत्र हेतु 562 कैमरे उपयोग में लाये गये। यह कार्य 28 जनवरी, 2017 से 03 जून, 2017 तक कोर क्षेत्र की 10 रेंजो में सम्पादित किया गया। प्रत्येक रेंज में 25-30 रातों को कैमरे लगाते हुये कुल 15330 ट्रैप नाइटस में 620 बाघों की फोटो प्राप्त हुयी, जिनका विश्लेषण कर विशिष्ट बाघों की पहचान की गयी।

राजाजी टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत न्यूनतम 34 विशिष्ट बाघों तथा 05 विशिष्ट शावकांे की पहचान की गयी। वर्ष 2014 में किये गये अखिल भारतीय बाघ गणना में यह संख्या 16 पायी गयी थी। 

इस अवसर पर वन मंत्री डाॅ.हरक सिंह रावत, मुख्य सचिव एस.रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव रणवीर सिंह और ओमप्रकाश, स्वामी रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण भी उपस्थित थे।  

राज्य—————-संख्या

कर्नाटक————–406

उत्तराखंड————340

मध्य प्रदेश———-308

तमिलनाडु————229

महाराष्ट्र————-190

असोम—————167

केरल—————-136

उत्तर प्रदेश———-117

आंध्र प्रदेश (तेलंगाना सहित)—68

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