हाथियों की मौतों को लेकर न तो रेल प्रशासन ही जागा है और न वन्य जीव विभाग ही नींद से अब तक उठ पाया
राज्य गठन से लेकर अब तक लगभग 30 से ज्यादा हाथी रेल हादसों में मारे गए
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : हरिद्वार से देहरादून के बीच रेल हादसे में अब तक तीन दर्जन से ज्यादा हाथियों की मौत हो चुकी है, निरीह वन्य प्राणियों की आए दिन हो रही मौतों को लेकर न तो रेल प्रशासन ही जागा है और न वन्य जीव विभाग ही नींद से उठ पाया है। हादसों से धीरे-धीरे हाथियों का कुनबे के घटने की किसी को चिंता नहीं है, और बेजुबान हाथी आखिर कब तक इस तरह मारे जाते रहेंगे इसका जवाब किसी भी विभाग के पास नहीं है, बस खानापूरी कर विभाग एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालते हुए फिर किसी और हाथी की मौत का इंतज़ार कर रहा होता है। एक जानकारी के अनुसार राज्य गठन से लेकर अब तक लगभग 30 से ज्यादा हाथी रेल हादसों में मारे जा चुके हैं।
सबसे दुखद तो यह है कि हरिद्वार से देहरादून के बीच चल रही रेलों से शनिवार को भी एक हथिनि के ट्रेन से टकरा जाने और मृत्यु होने की खबर बेहद दुख देने वाली है। इतना ही नहीं पिछले तीन दिनों में दो हथिनियों की मृत्यु वन विभाग के लिए अत्यंत चिंताजनक होनी चाहिए लेकिन विभाग आ भी कानों में तेल डालकर सोया हुआ नज़र आ रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार दिनांक 21/11/2020को रेलवे के गश्ती दल द्वारा सूचना दी गयी की लच्छीवाला-हर्रावाला के मध्य रेलवे ट्रैक पर एक हाथी की ट्रैन से टक्कर होने से मौत हो गयी है, इसके पश्चात विभाग से अधिकारी घटना स्थल के लिए रवाना हुए, तो एक मादा वयस्क हाथी जिसकी उम्र 35-40 साल होगी, लच्छीवाला क. स. 9A में रेल पटरी के समीप मृत अवस्था में पड़ी थी जिसके शरीर पर रेल द्वारा टक्कर लगने से चोट के निशान पाए गए हैं। वन कर्मचारियों से तुरंत घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को दी गयी तथा चिकित्सकों क़ो पोस्टमार्टम हेतु बुलाया गया।
घटना स्थल का मुआयना वन संरक्षक पी. के. पात्रो, डी एफ ओ राजीव धीमान, एस डी ओ मर्तोलिया समेत तमाम अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे तथा डॉ.राकेश नौटियाल, डॉ अमित ध्यानी तथा उनकी टीम द्वारा हाथी का पोस्टमार्टम कर कार्य स्थल पर दफनाया ।
गौरतलब हो कि बीते दो दिन पूर्व यानि 19 नवम्बर ,2020 को भी लच्छीवाला रेंज में ब्लॉक 13A में हाथियों के झुंड से अलग हो एक हथिनी ने पेड़ को खींचा जिसके ऊपर से हाईटेंशन तार जा रही थी, तार से तार में दौड़ रहे करंट की चपेट में आने से चपेट में आने से हथिनी की मौत हो गई थी।