AGRICULTURENATIONAL

किसान कहीं भी बेच सकेंगे अब अपनी फसल : मोदी मंत्रिमंडल का बड़ा फैसला

किसान अब मंडियों से बाहर भी अपनी उपज बेच सकेंगे 

कोलकाता पोर्ट का नाम अब श्यामा प्रसाद मुखर्जी होगा

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

किसानों के हित में लिया गया निर्णय ऐतिहासिक : भगत 

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री बंशीधर भगत ने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा आज किसानों के हित में लिए गए निर्णय को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि वास्तविक अर्थों में किसान को आज आजादी मिली है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट द्वारा आज किसानों व कृषि विकास के दृष्टिगत 3 अध्यादेश लाए गए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा विगत दिवस आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कृषि क्षेत्र के लिए जो घोषणाएं की गई थी, इन अध्यादेशों के आने के बाद वे धरातल पर मूर्त रूप लेंगी।
उन्होंने कहा कि किसानों की 50 साल पुरानी मांग थी कि उन्हें अपने उत्पादों को मुक्त रूप से बेचने का अधिकार दिया जाए। मगर कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) एक्ट के कारण किसान मंडियों अथवा सरकार द्वारा निर्धारित संस्थाओं को ही अपना उत्पाद बेच सकते थे।
श्री भगत ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के लिए यह बाध्यता समाप्त कर वन नेशन-वन मार्केट की अवधारणा को जन्म दिया है और किसान कहीं भी और किसी को भी अपने उत्पाद बेच सकते हैं। किसान को खरीद केंद्र पर जाने की आवश्यकता नहीं है। किसान अपने घर से भी उत्पाद बेच सकता है। किसानों को लाभकारी मूल्य मिलेंगे और उनका आर्थिक स्तर बढ़ेगा।
नई दिल्‍ली । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोरोना वायरस संकट के दौरान सरकार ने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं । केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने किसानों के हित में जहां आवश्यक वस्तु कानून में ऐतिहासिक संशोधनों को अनुमति दी है वहीं फार्माकोपिया कमीशन की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के बाद किसान अपने उत्पाद अच्छी कीमतों में बेच सकेंगे। इतना ही नहीं किसानों के उत्पादों को आवश्यक वस्तु कानून से बाहर कर दिया गया है।
बुधवार को मंत्रिमंडल के निर्णयों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि यह फैसला किसानों और कृषि क्षेत्र के उत्थान में मील का पत्थर साबित होगा। वहीं आयुष मंत्रालय की गाजियाबाद की दो प्रयोगशालाओं का भी इसमें मर्जर हो रहा है। यह फैसला दूसरी ड्रग्स के स्टैंडर्डाइजेशन को सुनिश्चित करेगा। यही नहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट करने को भी मंजूरी दे दी है।
गौरतलब हो कि एक सप्ताह के भीतर केंद्रीय कैबिनेट की यह दूसरी बैठक हुई है। इससे पहले सोमवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इस बैठक में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों और किसानों को कोरोना संकट में राहत देने के लिए कई एलान किए गए थे।
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) में ऐतिहासिक संशोधन को मंजूरी दी है। इस बदलाव से सरकार नेशन वन मार्केट की दिशा में आगे बढ़ी है। किसान एग्रीकल्चर प्रोड्युसर मार्केट कमेटी के बंधन से आजाद हुआ है। किसान को अब कहीं भी उत्पाद बेचने और ज्यादा दाम देने वाले को बेचने की आजादी मिली है। वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि इसेंसियल कॉमोडिटी एक्‍ट में संशोधन कृषि उत्पाद के क्षेत्र में एक बड़ा और क्रांतिकारी कदम है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एक्‍ट में बदलाव से किसान कहीं भी सीधे अपनी फसलें बेच सकेंगे। अब देश में किसानों के लिए एक देश एक बाजार होगा। बता दें कि बीते सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई थी जिसमें MSME सेक्टर और किसानों को लेकर कुछ बड़े फैसले लिए गए थे। अब इस बैठक में किसानों को मजबूती देने के बारे में बड़ा फैसला लिया गया है।
केंद्रीय मंत्री  की प्रेसवार्ता के प्रमुख बिंदु…
  • किसानों को अपने उत्पाद की उचित कीमत मिलेगी।
  • आवश्यक वस्तु कानून में किसानों के हित के मुताबिक सुधार किए गए हैं। 
  • कृषि उत्पादों की बहुतायत के कारण बंधनों वाले कानून की जरूरत नहीं।
  • एपीएमसी (कृषि उपज मंडी समिति) से बाहर कृषि उत्पाद बेच सकेंगे किसान, कम लागत में अधिक आय होने पर समृद्धि बढ़ेगी।
  • मोदी सरकार ने किसानों का हमेशा पक्ष लिया है और उनके हित में काम किया है। 
  • आवश्यक वस्तु कानून से कई वस्तुएं बाहर की गई हैं। 
  • सरकार ने आयुष मंत्रालय के अधीनस्थ कार्यालय के रूप में भारतीय दवाओं और होम्योपैथी के लिए फार्माकोपिया ( Pharmacopoeia Commission ) कमीशन गठित करने को अनुमति दी है। 
  • पीएम किसान सम्मान निधि से एकमुश्त एकमुश्त 75 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
  • 13 हजार किसानों ने प्रीमियम भरा है। 64 हजार करोड़ के नुकसान की भरपाई की गई है। 
  • हर मंत्रालय में प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल होगी। 
  • आयुष मंत्रालय की गाजियाबाद की दो लैब का मर्जर होगा, इससे दूसरी ड्रग्स का स्टैंडर्डाइजेशन सुनिश्चित होगा।
  • किसानों को अपना उत्पाद सीधे निर्यातकों को बेचने की अनुमति मिली। 
  • किसानों को अपने उत्पाद की अधिक कीमत मिलेगी।
  • किसान की सामाजिक सुरक्षा के लिए किसान मान धन योजना बनाई गई है। 
  • सभी किसानों को क्रेडिट कार्ड मिले, इस पर काम किया जा रहा है
  • खाद सब्सिडी में 80 हजार करोड़ रुपये दिए गए।
  • किसान क्रेडिट कार्ड से चार लाख करोड़ किसानों को कर्ज मिला
  • किसान को खरीद की गारंटी मिले तो उत्पाद की गुणवत्ता बेहतर हो सकती है। 
  • 10 हजार नए एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) बनाए जाएंगे
  • किसान की संरक्षा के लिए कृषि मंत्रालय अनुबंध के मॉडल पर काम करेगा। 
  • अनुबंध के तहत पैदा किए गए कृषि उत्पादों पर राज्यों का कर लागू नहीं होगा। 
  • इस अनुबंध में किसानों और अन्य संस्थाओं के बीच विवाद के निपटारा का प्रावधान होगा। 
  • कोई भी फैसला किसान की जमीन के खिलाफ नहीं होगा। 
  • कृषि उत्पादों का मूल्य अधिक होने की स्थिति में किसानों को भी इसका एक भाग मिलेगा।

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