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भगवान बदरी विशाल की मूर्ति पर छह सौ साल बाद सजा नया छत्र

बदरीनाथ : भू-बैकुंठ धाम  बदरीकाश्रम क्षेत्र में स्थित भगवान बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में स्थित भगवान नारायण की विग्रह मूर्ति लगभग छह सौ साल बाद नया  छत्र धारण किया। पंजाब के एक श्रद्धालु परिवार ने मंदिर समिति को यह छत्र दान किया है । धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल के अनुसार करीब छह सौ साल बाद भगवान बदरी विशाल का छत्र बदला गया है। बताया कि तब ग्वालियर राजघराने की अहिल्या बाई होल्कर ने यह छत्र चढ़ाया था।

लुधियाना निवासी श्रद्धालु ज्ञानेश्वर सूद ने अपने दादा विमुक्ति महाराज की स्मृति में भगवान बदरी विशाल को चार किलोग्राम वजनी सोने का रत्नजडि़त छत्र दान देने की इच्छा जताई थी। बुधवार सुबह हेलीकाप्टर से छत्र को बदरीनाथ धाम लाया गया। हालाँकि  बुधवार को ही यह स्वर्ण छत्र सुबह चढ़ाया जाना था, लेकिन वर्षा के कारण शाम पांच बजे स्वर्ण छत्र को मंत्रों और वेद ध्वनियों के साथ भगवान को समर्पित किया गया।

श्रद्धालु ज्ञानेश्वर सूद परिवारीजनों और लगभग 300 निकट संबंधियों के साथ धाम में पहुुंचे थे। हेलीपैड से बदरीनाथ मंदिर तक लगभग एक किलोमीटर तक बदरी विशाल के जयकारों के साथ शोभायात्रा निकालकर छत्र को धाम तक पहुंचाया गया। बीती सायं  करीब पांच बजे बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल व उनके सहयोगी वेदपाठियों के मंत्रोच्चार के बीच छत्र को मंदिर के भीतर लेकर गए। धार्मिक रीति रिवाजों के अनुसार पूजा अर्चना के बाद मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने छत्र गर्भगृह में भगवान नारायण की मूर्ति के ऊपर स्थापित किया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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