46 महिला उप निरीक्षक उत्तराखंड पुलिस की हिस्सा बनीं

नरेंद्रनगर : समाज में बढ़ रहे अपराधों को नियंत्रित करना आज पुलिस के लिए चुनौती है। पुलिस को जनता में विश्वास पैदा कर लगन और निष्ठा पूर्वक दायित्वों को निभाना हैं। डीजीपी अनिल रतूड़ी ने कहा कि अन्य राज्यों में उत्तराखंड अग्रणीय राज्यों में शामिल है। जहां देश की कुल पुलिस संख्या में अपना राज्य 11.22 प्रतिशत है।
यह बात बुधवार को पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय नरेंद्रनगर में आयोजित दीक्षांत परेड में सूबे के डीजीपी अनिल रतूड़ी कहीं। इस अवसर पर 46 महिला उप निरीक्षक कसम परेड के बाद उत्तराखंड पुलिस की मुख्यधारा में शामिल हो गईं। इस दौरान डीजीपी अनिल रतूड़ी ने पुलिस उपनिरीक्षकों को शपथ दिलाई। जबकि इससे पूर्व उन्होंने दीक्षांत परेड की सलामी ली।
गौरतलब हो कि महिला उप निरीक्षक प्रशिक्षकों का यह तीसरा बैच है। बैच को आठ मई 2017 से नौ मई 2018 तक एक साल का प्रशिक्षण दिया गया। इससे पूर्व प्रथम वर्ष में 48 व द्वितीय वर्ष में 29 महिला उप निरीक्षक समेत कुल 127 महिला उप निरीक्षक उत्तराखंड पुलिस में शामिल हो गई हैं। पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एपी अंशुमान ने वर्ष भर का प्रशिक्षण व महाविद्यालय का लेखाजोखा पेश किया।
प्रशिक्षण के दौरान उप प्रधानाचार्य सुखबीर सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक प्रकाश चंद्र आर्य, पुलिस उपाधीक्षक विजेंद्र दत्त डोभाल, प्रतिसार निरीक्षक सुशील रावत, मनीष जायसवाल, संजय चौहान, चंद्र सिंह नेगी, आरबी चमोला द्वारा प्रशिक्षुओं को वर्षभर अपराधों की विवेचना, अपराध अनुसंधान, अभियोजन संबंधी प्रावधान, विवेचना वैज्ञानिक एवं तकनीकी उपकरणों का प्रयोग, सीसीटीएनएस, आपदा प्रबंधन, बम डिस्पोजल एंड डिटेक्शन, सर्विलांस ,साइबर क्राइम, कराटे योग आदि विषयों पर व्याख्यान के साथ गहन अध्ययन कराया गया।
इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशासन) राम सिंह मीणा, प्रधानाचार्य पीटीसी एपी अंशुमन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक टिहरी विमला गुंज्याल, उप प्रधानाचार्य प्रकाश चंद्र आर्य आदि मौजूद रहे।